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गोरखपुर में DDU प्रोफेसर के शोध को UK से मिला पेटेंट, कीमो, हृदय रोग और इन्सुलिन के मरीजों को मिलेगी बड़ी सहूलियत - DDU professor research in Gorakhpur

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. तूलिका मिश्रा (DDU professor research in Gorakhpur) के रिसर्च के डिजाइन को यूके से पेटेंट मिल गया है. करीब पांच वर्ष पहले देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 9 वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरू किया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 1:59 PM IST

गोरखपुर : पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के बॉटनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ तूलिका मिश्रा के रिसर्च को यूके से पेटेंट मिला है. कीमोथेरेपी, हदय रोग, इन्सुलिन की दवा की डोज और देने का समय उस मरीज के अनुसार, यह डिवाइस (पेटेंट) बता सकेगा. इससे बीमारियों की कुंडली चुटकियों में मिल जाएगी जो संभव होगा बायोसेंसिंग प्रणाली से. खराब जीवन शैली के कारण करीब हर घर में कोई न कोई व्यक्ति कैंसर, हार्टअटैक या शुगर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. यह बीमारियां दुनिया भर के लोगों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी हैं. इन बीमारियों के बेहतर उपचार के लिए, करीब पांच वर्ष पूर्व एक ऐसा उपकरण डिजाइन करने के संकल्पों के साथ देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 9 वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरू किया था. वर्ष 2021 में यूके डिजाइन पेटेंट, इंग्लैंड में आवेदन किया गया था. करीब तीन साल बाद यह पेटेंट हुआ है. पिछले करीब दो दशक से विभिन्न मानव रोगों के लिए औषधीय पौधों पर अनुसंधान कर रहीं डॉ तूलिका मिश्रा ने इस डिजाइन में ‘को-पर्सनलाइज्ड मेडिसिन एंड फार्मोको थिरेपी’ पर काम किया है.


दूर बैठे डॉक्टर जान सकेंगे मरीज का हाल :यह बायोसेंसर कई चीजों का मिला-जुला रूप है. इस डिवाइस को वाईफाई या ब्लूटूथ से भी कनेक्ट किया जा सकेगा. इससे दूर बैठे चिकित्सक भी मरीज की बीमारी का हाल जान सकेंगे. ब्लूटूथ या वाईफाई से कनेक्ट कर मरीज के शरीर की बायोसेंसिंग करने पर उसका परिणाम डॉक्टर के मोबाइल पर भी दिखेगा.


ये रिपोर्ट मिलेंगी :शरीर से निकलने वाले अनेक एंजाइम, हार्मोंस और प्रोटीन की बायोसंसिग से रिपोर्ट मिल सकेगी.


कुलपति ने कहा, विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि : गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ तूलिका मिश्रा के डिजाइन को पेटेंट मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि, यह विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है. विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शांतनु रस्तोगी, वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी आदि ने भी बधाई दी है.

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