दतिया। अक्सर लोग कहते हैं उम्र महज एक नंबर होते हैं, बाकि दिल से वे जवान ही रहते हैं. ऐसे ही शिक्षा ग्रहण करने की भी कोई उम्र नहीं होती. अगर व्यक्ति दिल से ठान ले तो वह उम्र के नंबरों को मात देकर अपने सपनों को पूरा कर सकता है. कुछ ऐसा ही एमपी के दतिया जिले में 82 साल के एक बुजुर्ग ने कर दिखाया है. जी हां 82 साल की उम्र में 18 साल का जोश लेकर ओपी सक्सेना ने लॉ विषय में अपनी पीएचडी पूरी की है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने 5 अप्रैल को पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.
82 में भी कर ली पीएचडी आगे और तैयारी
शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती ये बात सही है. व्यक्ति जीवन भर सीखता है और आगे बढ़ता है. यह कहावत 82 साल के डॉ. ओपी सक्सेना के लिए सच साबित हुई है. 82 वर्ष की जिस उम्र में लोग आराम करते हैं. डॉ. सक्सेना पढ़ाई में 18 वर्ष के युवाओं को पीछे छोड़ रहें हैं. हाल ही में उन्होंने दूसरी बार पीएचडी पूरी की है, जीवाजी विश्वविद्यालय ने लॉ विषय में उनकी पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. आगे भी डॉ सक्सेना पढ़ाई के लिए निरंतर तैयार हैं और एक नई खोज में जुटे हुए हैं.
डॉ. ओपी सक्सेना की यह दूसरी पीएचडी है. इससे पहले उन्हें वर्ष 2000 में शिक्षा के विषय में पीएचडी अवार्ड किया था. शहर के होलीपुरा निवासी डॉ. सक्सेना शिक्षा विभाग के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विश्वविद्यालय क्रमांक 1 दतिया के प्राचार्य पद से सेवानिवृत हैं. उन्होंने सेवानिवृति के बाद हाइकोर्ट में प्रैक्टिस की, लेकिन पढ़ाई करने की ओर बार-बार उनका मन भागता रहा. उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लेकर वर्ष 2013-14 में एलएलएम की डिग्री पूरी कर ली. वह यहीं नहीं रुके और अपनी आगे भी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने आगे लॉ विषय में पीएचडी करने के बारे में सोचा.
वर्ष 2018 में उन्होंने पीएचडी के लिए एप्लाई किया और उन्हें 2019 में काउंसलिंग के बाद एडमिशन भी मिल गया. अब ग्वालियर में ‘चिकित्सकीय लापरवाही और चिकित्सकीय कदाचार पर एक विशलेष्णात्मक अध्ययन’ विषय पर डॉ. गणेश दुबे के मागर्दशन में डॉक्टर और ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है.