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साहब मैं जिंदा हूं, अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा बुजुर्ग, इस तरह हड़प ली लाखों की जमीन - Datia alive man declared dead

दतिया के बड़ौन कस्बे से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जिंदा व्यक्ति को मरा हुआ बताकर, उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया गया और फिर उसकी लाखों की 4 हेक्टेयर जमीन अपने नाम कर ली. परेशान बुजुर्ग ने जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने जाकर कहा, साहब मैं जिंदा हूं.

DATIA ALIVE MAN DECLARED DEAD
DATIA ALIVE MAN DECLARED DEAD (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 12:06 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 12:21 PM IST

दतिया :कस्बा बड़ौनी में लड्‌डू राजा की हवेली में रहने वाले चंद्रभान सिंह पुत्र स्व. रघुराज सिंह बुंदेला की 4.70 हेक्टेयर जमीन को मृत बताकर हड़प लिया गया. कलेक्टर परिसर में लोग तब दंग रह गए जब चंद्रभान सिंह खुद अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और कहा कि साहब मैं जिंदा हूं. बुजुर्ग का आरोप है कि कस्बे में रहने वाले लोकेंद्र सिंह ने उनकी जमीन धोखे से अपने नाम करा ली है. मामले की शिकायत एसपी वीरेंद्र मिश्रा को भी की गई, जिनके निर्देश पर एसडीओपी बड़ौनी विनायक शुक्ला ने जांच शुरू कर दी है.

ऐसे किसी और की हो गई जमीन

जानकारी के अनुसार कस्बा बड़ौनी में लड्‌डू राजा की हवेली निवासी चंद्रभान सिंह की पचारा गांव में कृषि भूमि है, जिसका सर्वे नंबर 61 रकबा 4.70 है. उन्होंने अपनी इस जमीन पर केसीसी के जरिए ऋण भी ले रखा है. चंद्रभान ने बताया कि कुछ दिन पहले वे मौजे के पटवारी के पास गए तो पटवारी ने बताया कि उनकी जमीन लोकेंद्र सिंह के नाम हो गई है. जब बुजुर्ग ने आगे पूछा तो पटवारी ने बताया कि वसीयत के नाम से जमीन लोकेंद्र के नाम हुई है. बुजुर्ग ने दस्तावेज निकलवाए तो 10 अगस्त 1994 की दिनांक में दो सादा पेज की वसीयत निकली. वसीयत में दो चंद्रभान सिंह, लोकेंद्र सिंह के अलावा भूपेंद्र सिंह चौहान निवासी बड़ेरा पिछोर के हस्ताक्षर हैं.

वसीयत में हुआ फर्जीवाड़ा

वसीयत में चंद्रभान सिंह को बे ओलाद बताया गया. जमीन मालिक चंद्रभान की उम्र 1994 में 81 साल बताई गई. साथ ही लोकेंद्र को उस समय नाबालिग लिखा गया था और यह भी लिखा गया कि चंद्रभान की कोई संतान न होने पर उनके देहांत के बाद उनकी जमीन एक मात्र मालिक एवं स्वामी मेरे नाती लोकेंद्र एवं शक्ति सिंह बुंदेला होंगे. अन्य किसी का हक नहीं होगा जबकि चंद्रभान की उम्र वर्तमान में लगभग 75 साल है और उनके तीन पुत्र भी हैं जो जीवित हैं.

झांसी में बना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

आरोपी हैं कि जमीन हड़पने वाले लोगों ने अगस्त 1994 की वसीयत बताने के बाद जिला चिकित्सालय झांसी से कम्प्यूटराइज्ड मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाया, जिसमें चंद्रभान की मृत्यु की तारीख 5 मई 1995 बताई गई. यानी वसीयत तैयार कराने के नौ महीने के अंदर ही चंद्रभान की मौत भी हो गई. झांसी के जिस महिला अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र बना, उसी अस्पताल में चंद्रभान प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे और जानकारी ली तो झांसी जिला महिला अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखा- उक्त मृत्यु प्रमाण पत्र जिला महिला चिकित्सालय झांसी से निर्गत नहीं किया गया है. अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में केवल महिला लाभार्थियों के ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं.

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सीमांकन कराया तो हुआ खुलासा

चंद्रभान सिंह कुछ दिन पहले पटवारी के पास अपनी जमीन का सीमांकन कराने पहुंचे, तो पटवारी ने बताया कि उनकी जमीन लोकेंद्र सिंह के नाम हो गई. इसके बाद चंद्रभान ने सभी दस्तावेज निकलवाए और एसपी के यहां शिकायत की. इस पूरे फर्जीवाड़े में पटवारी और पटवारी की रिपोर्ट पर सीमांकन का आदेश करने वाले तहसीलदार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. पटवारी ने 25 अप्रैल 2024 को अपनी रिपोर्ट लगाई है.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की शिकायत मेरे पास आई है जिसकी जांच कर रहे हैं. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी -विनायक शुक्ला, एसडीओपी बड़ौनी

Last Updated : Jul 25, 2024, 12:21 PM IST

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