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दरभंगा की मुखिया के पास भारत के अलावा नेपाल की नागरिकता! चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान - Darbhanga mukhiya dual citizenship

Darbhanga mukhiya dual citizenship दरभंगा जिले में केवटी प्रखंड के कोठिया पंचायत की मुखिया पर दो देशों की नागरिकता रखने का आरोप लगा है. कोठिया पंचायत के वार्ड सदस्य जितेंद्र प्रसाद ने यह आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज करायी है. चुनाव आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए 14 अप्रैल को साक्ष्य के साथ उपस्थित होने को कहा है. पढ़ें, विस्तार से.

दरभंगा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 10:13 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले में केवटी प्रखंड के कोठिया पंचायत की मुखिया के पास कथित रूप से दो देशों की नागरिकता है. कोठिया पंचायत के वार्ड सदस्य जितेंद्र प्रसाद ने आरोप लगाया है कि मुखिया सबा परवीन उर्फ सबा खातून के पास भारत और नेपाल की नागरिकता है. जितेंद्र प्रसाद ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की. चुनाव आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए 14 अप्रैल को साक्ष्य के साथ उपस्थित होने को कहा है.

क्या है मामलाः वार्ड सदस्य जितेंद्र प्रसाद ने इस बाबत बताया कि उनको जानकारी मिली थी कि सबा खातून का भारत में मतदाता पहचान पत्र नंबर 1956549 है. इनके पति का नाम मो जावेद आलम अंकित है. जबकि इसी महिला का नाम नेपाल की मतदाता सूची में भी दर्ज है. मतदाता संख्या 1874108 और क्रमांक 2321 है. नेपाल के मतदाता पहचान पत्र में इनके पिता का नाम एजाज अहमद और माता का नाम अहमदी खातून दर्ज है. स्थायी पता सिरहा नगर पालिका 4 अंकित है.

"मेरी शादी 17 साल पहले हुई है. पत्नी का नैहर नेपाल में है. वहां वोटर लिस्ट में नाम कटा की अभी बचा है यह मैं नही जानता हूं. चुनाव आयोग का नोटिस मिला है. चुनाव आयोग को शीघ्र जवाब दूंगा. वार्ड सदस्य जितेंद्र प्रसाद 16 माह से तंग कर रहे हैं. मुझसे हर योजना में पैसे की मांग करता है. नहीं देने पर लगातार मेरे पीछे पड़ा है."- जावेद आलम, मुखिया सबा परवीन के पति सह मुखिया प्रतिनिधि

चुनाव आयोग के पास ऐसे पहुंचा मामला: जितेंद्र प्रसाद मुखिया सबा परवीन उर्फ सबा खातून के खिलाफ जुटाये सबूत लेकर प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों से मुलाकात की. सदर एसडीओ विकास कुमार ने जितेंद्र प्रसाद को कार्यालय में बुलाकर बात की. उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद इस तरह के मामले की सुनवाई हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या फिर चुनाव आयोग कर सकता है. इसके बाद जितेंद्र प्रसाद ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग पटना से की. चुनाव आयोग कार्यालय के तरफ से उन्हें 14 अप्रैल को साक्ष्य के साथ आने को कहा गया है.

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