छिंदवाड़ा : ठंड बढ़ते ही हरी साग-सब्जियां बाजार में नजर आने लगती हैं. दावा किया जाता है कि इन हरी सब्जियों को खाना काफी लाभदायक होता है क्योंकि इनमें अनेक विटामिन और पोषक तत्वों की भरमार होती है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो हरी सब्जियों पर आंख बंद करके भरोसा करना खतरनाक हो सकता है. दरअसल, इन सब्जियों को कीड़ों से बचाने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर रासायनिक कीटनाशक व दवाइयां का इस्तेमाल किया जाता है, जिनके ज्यादा उपयोग से ये सब्जियां जहरीली हो जाती हैं.
सब्जियों से हो सकता है कैंसर
वर्तमान समय में अधिक उत्पादन और जल्द कीटनाशकों से उपचार के लिए अधिकांश किसान रासायनिक सिस्टमिक कीटनाशक दवाइयां का उपयोग करते हैं. लेकिन यह दवाइयां इतनी खतरनाक होती हैं कि इनका प्रभाव सब्जियों से कभी समाप्त नहीं होता. ये अगर इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाएं तो खतरनाक बीमारियां का कारण बन जाती हैं. शुरुआती स्तर पर इनसे शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां होती है लेकिन खतरनाक केमिकल्स के प्रभाव से कैंसर तक हो सकता है.
कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार ने बताई हरी-भरी सब्जियों की सच्चाई (Etv Bharat) नहीं खत्म होता केमिकल्स का असर
कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर ने बताया, '' आज के वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है पर अभी भी अधिकांश किसान रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग कर खेती करते हैं. परंतु जब वे खेतों में कीटनाशक का उपयोग करते हैं तो उन कीटनाशक दवाइयां पर लिखे निर्देशों को कई बार अनदेखा कर देते हैं. उनमें साफ लिखा हुआ होता है कि जब सब्जियों का पौधा फूल या प्राथमिक स्थिति में होता है, तब उसका उपयोग नियमित मात्रा में करना चाहिए और सब्जी तोड़ने या बाजार में भेजने के लगभग 10 या 7 दिन पूर्व इनका छिड़काव पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, लेकिन कुछ ऐसे सिस्टमिक रासायनिक कीटनाशक होते हैं जिनका असर खत्म ही नहीं होता.''
केमिकल वाली सब्जियों से हो सकता है कैंसर (Etv Bharat) उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए भी होता है केमिकल्स का प्रयोग (Etv Bharat) प्राकृतिक खेती को मिल रहा बढ़ावा
रासायनिक कीटनाशकों व उत्पाद दवाओं के इस्तेमाल से की जाने वाली खेती की जगह अब प्राकृतिक खेती को जोर दिया जाने लगा है. ऐसी खेती से पैदा हुई सब्जियां, फसलें और फल काफी सुरक्षित माने जाते हैं. प्राकृतिक खेती के लिए लोगों में जागरूकता भी आ रही है, जिसमें पुराने जमाने में इस्तेमाल किए जाने वाले प्राकृति संसाधन व कीटनाशक जैसे गोमूत्र, कड़वी नीम,राख आदि का उपयोग किया जाता है. इससे फसलों को बीमरियों से बचाने के साथ इंसानों को भी भयानक बीमारियों से बचाया जा सकता है.
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