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बारिश में यह गांव बना जाता है 'नरक", 10 साल से कीचड़भरे रास्ते से निकलने को मजबूर ग्रामीण - DAMOH LAKHAJAUNI VILLAGE NO ROAD

बरसात के मौसम में दमोह के कई गांवों की हालत बद से बदतर हो जाती है. यहां के ग्रामीणों को नरकीय जीवन जीना पड़ता है. लखरौनी गांव की हालत इतनी खराब है कि, गांव से बाहर निकलने वाला रास्ता पूरी तरह से कीचड़ में डूबा हुआ है. जिससे लोग चोटिल भी हो रहे हैं.

DAMOH VILLAGE BECOMES HELL IN RAIN
बारिश के मौसम में गांव की हालत बदहाल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 2:08 PM IST

Updated : Aug 27, 2024, 11:19 AM IST

दमोह: जिले के पथरिया क्षेत्र में कई गांव सड़क और पानी की समस्या से बेहाल है. लखरौनी गांव में भी यही स्थिति है. जहां पर लोगों को घुटनों तक पेंट मोड़कर पुलिया से निकलना पड़ता है. वहीं, कई लोग सड़क पर कीचड़ होने से फिसलकर गिर पड़ते हैं. जहां से निकलने के दौरान कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं.

बारिश के मौसम में गांवों का टूट जाता है संपर्क (ETV Bharat)

कीचड़युक्त रास्ते से निकले को मजबूर ग्रामीण

पथरिया तहसील मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर खैजरा लखरौनी गांव में प्रति वर्ष बारिश के कारण क्षतिग्रस्त पुलिया व कच्ची सड़क लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों और स्कूल के बच्चों के लिए होती है. स्थानीय ग्रामीण बबलू कुर्मी ने बताया कि "कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे उनकी मौत हो गई." वहीं बलराम पटेल का कहना है कि "बारिश के कारण क्षतिग्रस्त पुलिया पर पानी रहने और सड़क पर अधिक कीचड़ हो गया है. जिसके चलते दो पहिया, चार पहिया वाहन निकल नहीं पाते हैं और उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है.''

कीचड़युक्त रास्ता होने से गांव में नहीं पहुंचती एंबुलेंस (ETV Bharat)

इस सड़क का वर्षों से है यही हाल

बता दें कि, यह समस्या आज की नहीं है. यह परेशानी कई वर्षों से बनी हुई है. पुलिया पर बारिश में घुटनों तक पानी और कीचड़ हो जाती है. जिससे कीचड़ व फिसलन हो जाती है, इस सड़क से लोगों का पैदल चलना भी कठिन हो जाता है. वहीं कई बार इसकी जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की गई. इसके बाद भी प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया. जो भी जनप्रतिनिधि आते हैं, केवल आश्वासन देते हैं. मरम्मत नहीं कराते हैं.

जान जोखिम में डालकर पढ़ने जाते हैं बच्चे (ETV Bharat)

कालेक्टर समस्या से कराया अवगत

ग्रामीणों पिछले कई वर्षों से सड़क की मांग कर रहे हैं. कई बार कलेक्ट्रेट जाकर जनसुनवाई में ज्ञापन भी दिया और सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायते दर्ज कराई, लेकिन स्थिति जश की तस बनी हुई है. अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है. स्वतंत्रता दिवस के पूर्व 13 अगस्त को जनसुनवाई में जिला कार्यालय भी सैंकड़ों ग्रामीण पहुंचकर यह मामला कलेक्टर साहब के संज्ञान में लाए थे.

दर्जनों ग्रामों का टूट जाता है संपर्क

सुहाब, दुहाव, करैया, खेजरा लखरौनी,कनारी, भैंसा ग्रामों से सैंकड़ों बच्चों को ग्राम बिलानी के विद्यालय पहुंचने का मात्र एक यही रास्ता है, जो बारिश में कीचड़ और नाला आ जाने से बिलकुल बंद हो जाता है. कक्षा 7 के छात्र ऋतिक पटेल ने बताया कि "स्कूल जाने में बहुत परेशानी होती है. कपड़े गंदे और जूते गीले हो जाते है."

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सड़क ना बनने के कारण हो रही दिक्कत

10 वर्ष पूर्व 2013 में पथरिया से जेरठ सड़क मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया था. जिसमें 1 किलोमीटर के टुकड़े को विवाद के चलते छोड़ दिया गया था, जो आज तक बन नही पाया. लोक निर्माण विभाग की तत्कालीन अधिकारी जेपी सोनकर ने विभाग को प्रस्ताव भी भेजा था, कि स्वीकृति प्रदान की जाए, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया और समस्या जस के तस बनी है. वहीं लोक निर्माण विभाग केएसडीओ सुशील सुहाने ने कहा कि "शासन को लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. वरिष्ठ अधिकारियों को रिमाइंड करा दिया है, ताकि जल्द से जल्द स्वीकृति मिल जाए और इस सड़क का निर्माण हो जाए.''

Last Updated : Aug 27, 2024, 11:19 AM IST

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