दमोह में धर्मांतरण का मामला, प्रिंसिपल पर बच्चों का धर्मांतरण कराने बनाया दबाव, नहीं करने पर किया डिमोशन
Damoh Conversion Case: दमोह जिले में एक बार फिर धर्मांतरण का मामला सामने आया है. इस बार पथरिया स्थित एक क्रिश्चियन स्कूल में प्रिसिंपल पर बच्चों का धर्मांतरण करने का दबाव बनाया जा रहा था. साथ ही ऐसा न करने पर प्रिसिंपल का डिमोसन कर दिया गया.
दमोह।जिले में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. प्रशासनिक अनदेखी के कारण लगातार कई स्कूल धर्मांतरण के लिए छात्रों पर दबाव बना रहे हैं. ताजा मामला जिले के पथरिया ब्लॉक के गुड शेफर्ड स्कूल का है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब वहां पर प्राचार्य का डिमोशन करके उसे शिक्षक बना दिया गया. साथ ही 6 महीने तक जब उसे वेतन नहीं दिया, तो उसने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिया. मौके पर पहुंचे बीआरसी जेके जैन शिक्षकों की आपसी तनातनी का मामला बता रहे हैं. वहीं डीपीसी (District Program Coordinator) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
प्रिंसिपल और टीचर पत्नी को नहीं मिली सैलरी
बताया जा रहा है कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक रवि शंकर भारती छह माह पूर्व तक गुड शेफर्ड स्कूल में प्रिंसिपल थे. उसकी पत्नी किरण भारती भी स्कूल में पदस्थ है. रवि शंकर भारती का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उसे और उसकी पत्नी को 6 माह से वेतन नहीं दिया है. 6 माह पूर्व उसे प्राचार्य पद से हटा दिया गया. स्कूल प्रबंधन उस पर लगातार चर्च जाने व स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का धर्मांतरण कराने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो 6 माह पूर्व उसे भी प्राचार्य पद से हटाकर शिक्षक बना दिया.
6 महीने से स्कूल नहीं आ रहीं प्रभारी प्राचार्य
अब 6 माह से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. जबकि स्कूल की प्रभारी प्राचार्य शोभा रानी इक्का भी पिछले 6 माह से स्कूल नहीं आ रही हैं. वह कहां है इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. शिक्षक का आरोप है कि स्कूल में करीब चार-पांच शिक्षक ही हैं, जो बच्चों को पढ़ा रहे हैं. प्रबंधन द्वारा शिक्षकों पर वेतन वृद्धि और प्रमोशन के लिए धर्मांतरण का दबाव बनाया जाता है. जो शिक्षक प्रबंधन की बात नहीं मानते हैं उनके साथ भेदभाव और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है.
यह संस्था हैदराबाद से संचालित है. स्कूल में करीब 700 बच्चे हैं. पड़ताल में यह बात सामने आई की पांच प्रकार की किताबें स्कूल की लाइब्रेरी में रखी हुई है, जो की ईसाई धर्म से संबंधित हैं. इन किताबों की संख्या ढाई सौ से अधिक है. यह किताबें 2017 में स्कूल लाई गई थी. वहीं इस मामले में डीसी मुकेश द्विवेदी का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक स्रोत समन्वयक और जन शिक्षक को मिलाकर एक जांच टीम बनाई गई है. वह पूरे मामले की जांच कर रही है. यदि मामला धर्मांतरण से जुड़ा हुआ है तो उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन और उच्च स्तर पर अधिकारियों को भेजी जाएगी. जांच दल को सभी विवादित किताबें जप्त करने के निर्देश दिए हैं.