भोपाल: मध्य प्रदेश में कौन बनेगा भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष? इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि 15 जनवरी 2025 तक प्रदेश को नया अध्यक्ष मिल जाएगा. अभी वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल, लाल सिंह आर्य, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते सहित राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का नाम शामिल है.
कौन लेगा वीडी शर्मा की जगह
माना जा रहा है कि, बीजेपी अब संगठन में किसी आदिवासी चेहरे को मौका दे सकती है. इसलिए फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम मजबूत माना जा रहा है. दरअसल भाजपा को एक्टिव चेहरे की तलाश है जो, वीडी शर्मा की तरह पार्टी में काम कर सके. बात करें मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष की तो वीडी शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी के लिए उल्लेखनीय कार्य किये हैं. खजुराहो से सांसद का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीता है. भाजपा के सदस्यता अभियान में हजारों लोगों ने वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सदस्या ली है.
नरोत्तम मिश्रा का पलड़ा भारी
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को भी ध्यान में रखेगी. दरअसल मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा ने सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है. ब्राम्हण समाज से आने वाले राजेन्द्र शुक्ल को डिप्टी सीएम बनाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा किसी ब्राम्हण वर्ग से आने वाले नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी. इस लिस्ट में नरोत्तम मिश्रा का पलड़ा भारी माना जा रहा है. वहीं बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सामने आ रहा है. अगर भाजपा हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपती है तो यह वाकई में चौंकाने वाला फैसला होगा.
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फग्गन सिंह और सुमेर सिंह रेस में मजबूत
वहीं, फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी समाज से आते हैं. अगर भाजपा आदिवासी पर दांव खेलेगी तो फग्गन सिंह इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी भी आदिवासी समाज से आते हैं, वह भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. सीनियर नेता लाल सिंह आर्य अनुसूचित जाति से आते हैं. अगर पार्टी अनुसूचित जाति के किसी नेता भरोसा जताएगी तो लाल सिंह आर्य का नाम सबसे आगे माना जा रहा है.
बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि, ''देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल की चुनाव प्रक्रिया भी कई चरणों के साथ पूरी तरह पारदर्शी होती है. चुनाव में मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन में उचित नेतृत्त्व का चुनाव होता है. सही समय आने पर आपको भी नाम पता चल जाएगा.''