रायपुर : हमारे सुविधाओं के लिए जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ी है. वैसे वैसे अब साइबर ठग भी हाईटेक होते जा रहे हैं. साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से आम जनता को ठगने में कामयाब हो रहे हैं. पुलिस दर्ज हो रहे मामलों पर कार्रवाई भी कर रही है.इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है.इसके साथ ही एनसीआरबी पोर्टल भी है जिसमें साइबर ठगी के शिकार अपनी कंप्लेंट दर्ज करा सकते हैं. साइबर ठगी से पीड़ित जब भी साइबर सेल पहुंचते हैं तो उनकी जो भी राशि ठगी हुई होती है उसे होल्ड कराने के साथ ही साइबर सेल हैक हुए मोबाइल को सही करके वापस भी देती है.
साइबर फ्रॉड में ठगी का नया तरीका : साइबर/क्राइम एडिशनल एसपी संदीप मित्तल ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में कई प्रकार के मामले शामिल हैं. जिसमें से एक है एपीके फाइल डाउनलोड करवाकर ठगी करने का.इसमें कोई भी अनजान व्यक्ति अनजान लिंक भेजता है. उसे टच करने के बाद संबंधित शख्स के मोबाइल फोन का एक्सेस उस ठग के पास चला जाता है. इसके साथ ही मोबाइल में जितने भी डाटा है उसे आसानी से साइबर ठग देख सकता है. ऐसे लिंक को क्लिक करने के बाद उससे कमर्शियल डेटा मांगा जाता है. अगर ऐसे लिंक में डेटा दिया जाता है तो मोबाइल फोन का पूरा एक्सेस ठग के पास चला जाता है.
वर्तमान समय में लोग अपने मोबाइल पर अधिकांश जानकारी रखते हैं. ईबैंकिंग और दूसरे तरह के काम भी ऑनलाइन करते हैं. ऐसे में साइबर ठग डाटा इकट्ठा करने के साथ ही आपके बैंक अकाउंट को भी खाली कर देते हैं. ऐसे कई मामले आए हैं जिस पर पुलिस ने खातों को होल्ड कराया गया है. ऐसे में कोई भी अंजान लिंक को कभी भी ओपन नहीं करना चाहिए. रायपुर पुलिस ने साइबर जागरूकता अभियान भी चलाया गया था. लोगों से अपील की गई थी कि अपने मोबाइल से संबंधित डाटा और पासवर्ड किसी से भी शेयर ना करें.