कोरिया : जब केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की, तो ग्रामीणों में उम्मीद की नई किरण जागी. योजना का उद्देश्य हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना था. लेकिन कोरिया जिले के ग्राम पंचायत मोदीपारा में इस योजना का हाल देखकर ग्रामीणों का सपना टूट गया है. गांव में चार पानी टंकियों का निर्माण, पाइपलाइन बिछाने और हर घर में नल कनेक्शन लगाने का काम पूरा हो चुका है. लेकिन सालभर बीतने के बाद भी ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाया. इस योजना पर लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद, इसका उद्देश्य अधूरा है.
ग्रामीणों में दिखी नाराजगी : गांव के निवासी हीरा सिंह ने बताया कि काम पूरा हुए एक साल हो चुका है. लेकिन अब तक पानी घर तक नहीं पहुंचा.ग्रामीण आज भी गंदे जलस्रोतों और तालाबों पर निर्भर हैं. जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खंड अभियंता आकाश पोद्दार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि मोदीपारा में टंकियों का निर्माण और पाइपलाइन का कार्य पूरा हो चुका है. लेकिन पानी पहुंचाने के लिए नरकेली जल प्रदाय योजना का इंतजार है.
कुछ निविदाएं फर्जी प्रमाण पत्रों के कारण निरस्त की गईं, जिससे कार्य में देरी हुई. हालांकि, विभाग ने यह भी कहा कि उपयुक्त जलस्रोत मिलने पर वैकल्पिक रूप से पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी- आकाश पोद्दार, अधिकारी, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग
आपको बता दें कि योजना में पहले ठेकेदारों और अब अफसरों के ढुलमुल रवैये के कारण गांव में शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार है. इसके बावजूद योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन न होना भी बडे़ सवाल खड़े कर रहा है. ग्रामीणों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनके घरों में साफ पानी आएगा.
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