लखनऊ: राजधानी में एक बार फिर साइबर जालसाजों ने एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया है. डॉक्टर दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर ढाई करोड़ से भी अधिक राशि वसूल ली. साइबर अपराधियों ने दंपति को पहले एसबीआई कस्टमर केयर सर्विस डिपार्टमेंट कर्मचारी बनकर झांसा दिया. कॉल कर कहा कि उन्होंने क्रेडिट कार्ड से लाख रुपये की शॉपिंग की है. इसके बाद ईडी और पुलिस अधिकारी बन डिजिटल अरेस्ट किया. इसके बाद दो करोड़ 71 लाख रुपए ठग लिए.
हजरतगंज स्थित शालीमार होम्स पटियाला में डॉक्टर पंकज रस्तोगी और उनकी पत्नी दीपा रस्तोगी रहती हैं. 9 जून को उनके पास कॉल आई और कॉलर ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर सर्विस डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताया. कॉलर ने डॉक्टर दंपत्ति से कहा कि 2 अप्रैल 2024 को उन्होंने क्रेडिट कार्ड इश्यू कराया था. जिससे 1 लाख 9 हजार की खरीदारी की गई है. इस पर दीपा रस्तोगी ने बताया कि उन्होंने किसी भी प्रकार की खरीदारी नहीं की है तो कॉलर ने वेरिफिकेशन के लिए कॉल ट्रांसफर कर दी.
मनी लांड्रिंग की संदिग्ध लिस्ट में नाम होने का डर दिखाया
इसके बाद दीपा को एक और वीडियो कॉल आई और सामने पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति था. उसने दीपा को अपनी आईडी दिखाई और फिर वीडियो ऑफ कर दिया. इसके बाद कॉलर ने दीपा से उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड मांगा. कहा कि वो लोग मनी लांड्रिंग केस में संदिग्ध हैं. ऐसे में उनके बीच हुई हर बात गुप्त रखनी होगी. कॉल में पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने दीपा से कहा कि उनका डेबिट कार्ड सुरेश नाम के एक युवक के पास मिला है, जिसमें 25 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. यदि इस केस से बाहर निकलना है तो नवजीत सिम्मी आपकी मदद कर सकती है.
डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ 71 लाख वसूले
फेक पुरुष पुलिसकर्मी के बाद एक फर्जी महिला पुलिसकर्मी की एंट्री हुई. उसने दीपा को जेल का नाम लेकर डराना शुरू कर दिया. महिला ठग ने दीपा को कोर्ट का एक लिंक भेजा और इस पर डायरी ईयर भरने के लिए कहा. जिस पर एक अरेस्ट वारंट आ गया. यह देख दीपा डर गईं. महिला ने डॉक्टर दंपति से कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, उन्हें घर में ही रहना होगा. यानि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है. जालसाज ने कहा कि उनके लोग सादे कपड़े में 3 किलोमीटर के दायरे में आपकी सुरक्षा में रहेंगे. इसके बाद 10 जून को दीपा और पंकज से बैंक जाकर पैसा भेजने के लिए कहा. 10 जून से 13 जून तक अलग-अलग अकाउंट में आरटीजीएस के जरिए 2 करोड़ 71 लाख 10 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए. हालांकि कुछ समय में ही दंपति को ठगी होने का एहसास हो गया और साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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