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हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना पड़ा भारी, कुछ ही सेकंड में खाते से पार हो गए 7 लाख रुपये - Durg Cyber Fraud

बस के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान भिलाई का एक व्यक्ति सायबर ठगों का शिकार हो गया. यदि आप भी ऑनलाइन ट्रेन या बस टिकट बुकिंग या फिर कोई भी शिकायत दर्ज करने के लिए सर्च इंजन का यूज करते हैं तो सावधान हो जाइए.

DURG CYBER FRAUD
ऑनलाइन ठगी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 2, 2024, 12:00 PM IST

दुर्ग : भिलाई निवासी एक व्यक्ति को बस की आनलाइन बुकिंग करना भारी पड़ गया. नेटवर्क की खराबी से टिकट कैंसल हो जाने पर पीड़ित ने पैसा रिफण्ड के लिए गूगल से मिले हेल्पलाइन पर संपर्क किया, जो नंबर ठग का निकला. उसने पीड़ित को एक मोबाइल ऐप डाउनलोड कराकर खाते की पूरी जानकारी मांग ली और 7 लाख से ज्यादा रकम पार कर दिया.

गूगल में मौजूद हेल्पलाइन नंबर से धोखाधड़ी : कोहका निवासी ओमप्रकाश लिल्हारे (46 वर्ष) हाइटेक अस्पताल स्मृति नगर में टेक्निशियन का काम करता है. ओमप्रकाश ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि 29 अप्रैल को बीजापुर गया था. वहां रेड बस सर्विस से आनलाइन टिकट बुक करवाया. नेटवर्क की खराबी की वजह से टिकट बुक नहीं हो पाया. लेकिन 1659 रुपए प्रार्थी ओमप्रकाश की पत्नी के खाते से कट गया.उसने पैसे की वापसी के लिए गूगल में ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर तलाश किया और कॉल कर रिफण्ड की मांग की.

जालसाज ने ऐसे दिया ठगी को अंजाम : गूगल में मिले नंबर पर ओमप्रकाश ने कॉल किया तो आरोपी ने सहायता की बात कहकर फोन काट दिया. जिसके बाद दूसरे नंबर से राज मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने कॉल किया. उसने ओम को एक ऐप डाउनलोड करने को कहा. ओम ने ऐप डाउनलोड किया और अपनी पत्नी के खाता की जानकारी, आईडी, पासवर्ड सहित ऐप में एंट्री कर दिया. जिसके कुछ देर बाद ओमप्रकाश के खाते से कुल 7 लाख 31 हजार 399 रुपए कट गए.

"पीड़ित ने बस की ऑनलाइन टिकट कैंसिल करने के लिए गूगल से हेल्पलाइन नंबर निकाला था. उस नंबर से बात कर रहे आरोपी ने पीड़ित की मदद के बहाने उसके बैंक डिटेल हासिल कर ठगी को अंजाम दिया है. शिकायत मिलने पर संबंधित धाराओं में के, दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रहे हैं." - सुखनंदन राठौर, एएसपी शहर, दुर्ग

एएसपी शहर सुखनंदन राठौर ने साइबर अपराध से लोगों को सतर्क रहने की अपील की है. पुलिस साइबर क्राइम के संबंध में लोगों को लगातार जागरुक कर रही है. साथ ही साइबर की जागरुकता लाने के लिए साइबर प्रहरी नामक वाट्सएप ग्रुप भी शुरु किया है. इस वाट्सएप में कई लाखों लोग जुड़े हैं. किसी भी अनजान कॉल आने पर या अनजान व्यक्ति से अपने बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पिनकोड या कोई भी जानकारी साझा नहीं करने की अपील पुलिस ने की है.

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