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वाल्मीकि जयंती; चित्रकूट के लालापुर आश्रम में होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, 30 करोड़ से कराए जा रहे विकास कार्य

सुबह 9 बजे से शुरू होंगे कार्यक्रम, हजारों की संख्या में पहुंचेंगे भक्त

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 17, 2024, 12:53 PM IST

चित्रकूट :जिले का लालापुर आश्रम महर्षि वाल्मीकि की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है. प्रशासन की ओर से गुरुवार (17 अक्टूबर) को महर्षि वाल्मीकि की जयंती दिव्य और भव्य रूप से मनाने के आदेश दिए गए थे. जिसके बाद प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी थीं. पर्यटन अधिकारी ने बताया कि 30 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से लालापुर में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं.

धर्मनगरी चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोस्थली रही है. यहां कई धार्मिक स्थल हैं. धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कई योजनाएं तैयार की गई हैं. गुरुवार को महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर चित्रकूट में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम के आयोजन के लिए पर्यटन विभाग व जिला शासन की ओर से सारी तैयारियां कर ली गई हैं. जयंती पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी होंगे. आश्रम लालापुर में गुरुवार को दिव्य और भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शुरू होगा, जिसमें मंडली की ओर से वाल्मीकि रामायण का संगीतमय पाठ किया जाएगा. इस दौरान जयंती पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे.

चित्रकूट पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को वाल्मीकि आश्रम में धूमधाम से जयंती मनाई जाएगी. जिसमें मंडली की ओर से वाल्मीकि रामायण का संगीतमय पाठ, मूर्ति पर माल्यार्पण, वृक्षारोपण कार्यकम किया जाएगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन के साथ साथ लवकुश प्रसंग-रामलीला, संत सम्मेलन संत विचार, हवन, गौ पूजन एवं आरती, पर्यटन विभाग की ओर से स्थापित 100 फिट धर्म ध्वज के पूजन का कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. जिसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है और यह कार्यक्रम भव्य तरीके से होगा.


उन्होंने बताया कि प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें पहले से ही महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाने के निर्देश मिले हैं. पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. महर्षि वाल्मीकि आश्रम के विकास के लिए लगभग 30 करोड़ से भी ज्यादा का विकास कार्य किया जा रहा है, जिसमें महर्षि वाल्मीकि मूर्ति, प्रवेश द्वार व अन्य विकास कार्य शामिल हैं. कुछ काम वन विभाग को भी दिया गया है, जो दो चरणों में किया जा रहा है.

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