उदयपुर: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सांस्कृतिक शक्ति समूचे विश्व में तेजी से स्थापित हो रही है. भारत आज आर्थिक और सामरिक ताकत के रूप में विश्व में स्थापित हुआ है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कल्चरल इकोनॉमी भी मान्यता प्राप्त कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही हमारी कल्चरल इकोनॉमी फॉर्मल इकोनॉमी में बड़ा योगदान देगी. वे रविवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में हवाला रानी रोड स्थित शिल्पग्राम में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित शिल्पग्राम महोत्सव में मुक्ताकाशी मंच से संबोधन दे रहे थे.
कल्चरल इकॉनोमी पर क्या बोले शेखावत (ETV Bharat Udaipur) उनके साथ सांसद मन्नालाल रावत, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि राजस्थान बहुआयामी संस्कृति से समृद्ध प्रदेश है. उन्होंने पन्नाधाय के बलिदान, हाड़ी रानी के शीशदान और रानी पद्मिनी के जौहर के साथ ही मेवाड़ के शौर्य और यहां की संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि यहां आसपास आदिवासी संस्कृति का अनूठा सम्मिश्रण है.
पढ़ें:केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया 'पधारो म्हारे देश भारत' शिखर सम्मेलन का शुभारंभ, कांग्रेस पर साधा निशाना
महोत्सव से आर्टिजन के साथ ही आमजन भी लाभान्वित:शेखावत ने कहा कि यहां प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस महोत्सव में तमाम राज्यों से अपनी संस्कृति और उत्पादों के साथ आए आर्टिजन तो लाभान्वित होते ही हैं, साथ ही मेले में आने वाले आमजनों को भी देशभर की संस्कृति, खान-पान, व्यवहार को जानने का फायदा होता है. वहीं, हस्तशिल्पियों के उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर भी मिलता है.
पढ़ें:राजस्थान भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनेगा- गजेंद्र सिंह शेखावत - RISING RAJASTHAN 2024
चरी, राठवा, सोंगी मुखौटे ने दर्शकों का मनमोहा: कार्यक्रम में राजस्थानी चरी डांस ने खूब वाहवाही लूटी. वहीं गुजरात के आजादी के दीवानों के युद्ध कौशल को दर्शाते लोक नृत्य, तलवार रास ने दर्शकों को खूब रोमांचित किया. वहीं गवरी नृत्य नाटिका पर भी तालियों की गड़गड़ाहट से मुक्ताकाशी मंच गूंज उठा. महादेव और भस्मासुर वाले पौराणिक प्रसंग पर आधारित इस लोक नृत्य नाटिका ने सभी का दिल जीत लिया. वहीं, कच्छी लोक गायन ने माहौल भक्ति रस से सराबोर कर दिया, तो गुजरात के आदिवासी नृत्य राठवा की कोरियोग्राफी ने दर्शकों को रोमांचित तो किया. महाराष्ट्र के लोक नृत्य साेंगी मुखौटे में डांसर्स की भाव भंगिमाओं ने दर्शकों का दिल जीत लिया.
पढ़ें:केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किए सांवलिया सेठ के दर्शन, राजभोग आरती में हुए शामिल - MINISTER VISITED SANWALIA SETH
‘Body:हिवड़ा री हूक’ शुरू, स्थानीय प्रतिभाएं उमड़ी: 'हिवड़ा री हूक' कार्यक्रम का रविवार से आगाज हो गया. बंजारा मंच पर इस कार्यक्रम में हर संगीत प्रेमी को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिल रहा है. 'हूक' प्रोग्राम 29 दिसंबर तक रोजाना दिन में 12 बजे से दोपहर 4 बजे तक चलेगा. 'हिवड़ा री हूक' में प्रस्तुतियों के दौरान सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी यानी क्विज भी हर आर्ट लवर को खूब लुभाई. इसमें सही जवाब देने वाले कला प्रेमियों को 'शिल्पग्राम मोमेंटो' से नवाजा जा रहा है.