रायपुर: बरबट्टी की खेती के लिए बारिश के मौसम को उपयुक्त माना गया है. बारिश के मौसम में प्रदेश की किसान बरबट्टी की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. किसान अगर कुछ बातों का ध्यान रखें तो ये फसल उनका मालामाल बना देगा. फसल लगाने से पहले किसानों को पता होना चाहिए कि उनको कौन सी बीज का चुनाव करना है. अच्छी फसल पाने के लिए खेती की कौन सी ट्रिक अपनानी है. बीज लगाते समय थरहा लगाने का भी किसानों को ध्यान रखना चाहिए. किसान अगर इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो उनकी 40 से साठ दिनों के भीतर आने वाली फसल सोने के दामों में बिकेगी. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बरबट्टी लगाने के लिए जून के आखिरी सप्ताह या जुलाई में किसानों को इसकी खेती शुरू कर देनी चाहिए.
ऐसे करेंगे बरबट्टी की खेती तो बन जाएंगे मालामाल:इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "बारिश के दिनों में स्थानीय स्तर पर सब्जियों की आवक कम होने के कारण सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ के किसान बरबट्टी की खेती करके अधिक उत्पादन लेने के साथ ही अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. बरबट्टी के दो प्रकार होते हैं जिसमें एक पोल टाइप का होता है और दूसरा बुस टाइप का होता है. उन्होंने बताया कि बुस टाइप बरबट्टी छोटी होने के साथ ही पेड़ वाली होती है. इस बरबट्टी को सहारा देने की आवश्यकता नहीं पड़ती. पोल वाली जो बरबट्टी होती है उसे सहारा देने की आवश्यकता पड़ती है. यह नारवर्गीय होता है. दोनों तरह की बरबट्टी 40 से 60 दिनों के अंदर उत्पादन देना शुरू कर देती है."