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सीएम सुक्खू के लिए लोकसभा और विस उपचुनाव की दोहरी चुनौती, BJP और बागियों से कैसे पार पाएगी कांग्रेस? - How will CM Sukhu fight BJP

Crucial Test For CM Sukhu: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगी. एक तरफ भाजपा की ताकत और दूसरी ओर बागियों की चुनौती से लड़क चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाना सीएम के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस चुनौती से कैसे निपटती है?

Crucial Test For CM Sukhu
सीएम सुक्खू के लिए दोहरी चुनौती

By ANI

Published : Mar 18, 2024, 8:27 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ही लाहौल स्पीति, धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. ये चुनाव हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के लिए कड़ी चुनौती होगी. क्योंकि कांग्रेस के 6 बागी विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद सुक्खू सरकार पर संकट गहरा गया था. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के साथ सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए भी लोकसभा चुनाव के साथ 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतना दोहरी चुनौती से कम नहीं है.

6 बागी विधायकों ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किल: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, जो लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के साथ होगा. छह कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता के कारण खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होने है. ये कांग्रेस के 6 बागी विधायक हैं, जिन्होंने पिछले महीने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसकी वजह से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी. जबकि कांग्रेस के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत था.

बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख: इन 6 बागी विधायकों ने विधानसभा में कट मोशन के दौरान सदन में पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था. जिसके आधार पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया था. वहीं, अयोग्य ठहराए गए विधायकों सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिस पर आज सुनवाई होनी है.

प्रतिभा सिंह-विक्रमादित्य ने सीएम सुक्खू की बढ़ाई परेशानी: वहीं, दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफा देने के बाद भी सुक्खू कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई थी. उनका इस्तीफा तब भी स्वीकार नहीं किया गया, जबकि उनकी मां सांसद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली पर कटाक्ष किया था. हालांकि, केंद्रीय पार्टी नेताओं के हस्तक्षेप के कारण फिलहाल सुक्खू सरकार पर से संकट टल गया है. लेकिन लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस करना सीएम सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए मोदी लहर में हिमाचल प्रदेश की 4 संसदीय सीट और 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करना बेहद संघर्षपूर्ण होगा.

हिमाचल में लोकसभा और 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव : हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की 4 सीटों पर चुनाव और 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों 1 जून को होंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. हिमाचल में कांग्रेस को लोकसभा चुनावों के साथ-साथ छह विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण उपचुनावों के लिए भी तैयारी करनी है. बता दें कि हिमाचल में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं और भाजपा के 25 विधायक हैं. वहीं, पिछले महीने हिमाचल प्रदेश हुए राज्यसभा चुनावों में छह कांग्रेस के बागियों के अलावा तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों को 34 वोट मिले थे. बाद में लॉटरी सिस्टम से बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत हुई थी.

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