शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की इजाजत दे दी है. इन माननीयों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक कुलदीप सिंह राठौर, राकेश सिंघा, हरीश जनारथा, लोकेंद्र कुमार, रवि ठाकुर, जैनब चंदेल, जितेंद्र चौधरी, राजन सुशांत, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, गुरप्रीत, तिलक राज और विजय अग्निहोत्री शामिल हैं.
इन राजनेताओं के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में प्राथमिकियां दर्ज है और कोर्ट में ट्रायल लंबित है. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार द्वारा माननीय विधायकों या सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने से जुड़े आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकारते हुए कहा कि सरकार ने आवेदन नेकनीयती से दायर किया है. प्रदेश के गृह विभाग ने कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जो सरकार के अनुसार माननीयों के खिलाफ राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे.
कोर्ट ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ दर्ज 3, मुकेश अग्निहोत्री के 1, विक्रमादित्य सिंह के 3, अनिरुद्ध सिंह के 2, कुलदीप सिंह राठौर के 6, राकेश सिंघा के 26, जितेंद्र चौधरी, भुवनेश्वर गौड़ के 4, लोकिंदर कुमार के 3, अजय सोलंकी 2 और राजन सुशांत, हरीश जनारथा, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, जगत सिंह नेगी, निखिल कुमार, सतपाल रायजादा, मनोज कुमार, सुदर्शन, तिलक राज, राजेश धर्माणी, विजय अग्निहोत्री, नसीर रावत, विक्रम जरयाल, अभिमन्यु जरयाल, कुश कुमार, नीरज भारती, राकेश पठानिया, राजीव राणा, विपिन परमार, परवीन शर्मा, नरेंद्र कुमार, लोकेंद्र कुमार, मीरा ठाकुर, राम कृष्ण शांडिल, जानव चंदेल, रवि ठाकुर के एक-एक मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी थी.