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उत्तराखंड फर्जी रजिस्ट्री मामला, नानकमत्ता से एसआईटी के हत्थे चढ़ा एक और आरोपी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 22, 2024, 9:39 PM IST

Uttarakhand fake registry case उत्तराखंड में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने के मामले में एक और आरोपी को एसआईटी टीम ने नानकमत्ता से दबोचा है. आरोपी पर भूमि के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमि को गिफ्टडीड करने का आरोप है. मामले में पहले ही दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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देहरादून: फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने के मामले में सुखविंदर सिंह नाम के एक और आरोपी को एसआईटी टीम ने नानकमत्ता (ऊधमसिंह नगर) से गिरफ्तार किया है. जिसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ थाना पटेलनगर में मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में एसआईटी की टीम पहले ही दो आरोपियों की गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

जमीन की फर्जी रजिस्ट्री मामले में सुखविंदर सिंह गिरफ्तार:पीड़िता शीतल मंड ने पटेलनगर थाना में भूमि धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि आरोपी केपी सिंह द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर माजरा स्थित पीड़िता की 10 बीघा जमीन की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर उसकी रजिस्ट्री सुखविंदर सिंह के नाम पर की गई और आरोपी सुखविंदर सिंह द्वारा भूमि के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केपी सिंह के पिता बलवीर सिंह की कंपनी को गिफ्टडीड कर पीड़िता के साथ धोखाधड़ी की गई.

मामले में 2 आरोपी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार:मामले में 2 आरोपी समीर कामयाब और रवि कोहली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इन्हीं आरोपियों की पूछताछ के आधार पर मुकदमें में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री अपने नाम करने और जमीन को फर्जी तरीके से अपने सह आरोपी के नाम पर गिफ्टडीड करने वाले आरोपी सुखविंदर सिंह को नानकमत्ता से गिरफ्तार किया गया है.

2010 में सुखविंदर सिंह और केसी सिंह की हुई थी मुलाकात:एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी सुखविंदर सिंह की केपी सिंह और उसके पिता बलवीर सिंह से मुलाकात साल 2010 में एक विवाह समारोह के दौरान केपी सिंह के चाचा सेठपाल चौधरी के माध्यम से हुई थी. सेठपाल चौधरी सिडकुल ऊधम सिंह नगर में मिट्टी भरान के ठेके लेता था और आरोपी द्वारा इसमें उनकी मदद की गई थी. उन्होंने कहा कि साल 2014 में केपी सिंह द्वारा उससे संपर्क कर बताया गया कि उनके द्वारा देहरादून में माजरा स्थित एक जमीन की हरभजन सिंह उर्फ भजन सिंह के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की गई है, जिसकी रजिस्ट्री वह आरोपी सुखविंदर सिंह के नाम पर करवा देगा और उसे बेचने से जो मुनाफा होगा, उसमें से कुछ हिस्सा आरोपी को दिया जाएगा. उसके बाद केपी सिंह द्वारा आरोपी के खाते में डेढ लाख रुपए की धनराशि डाली गई थी.

2020 में सुखविंदर सिंह ने भूमि को किया था गिफ्टडीड:अजय सिंह ने बताया कि साल 2016 में केपी सिंह द्वारा अपने एक अन्य साथी के साथ उसे कमल विरमानी और एक अन्य व्यक्ति से मिलवाया गया. जिनके द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर पहले भूमि की रजिस्ट्री आरोपी के नाम पर की गई और साल 2020 में आरोपी के माध्यम से भूमि को गिफ्टडीड के द्वारा केपी सिंह के पिता बलवीर सिंह की कंपनी बीकेएन हब्र्स के नाम पर किया गया.

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