देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन आज उस समय अजीब-ओ-गरीब स्थित पैदा हो गयी जब कृषि मंत्री सत्ता और विपक्ष के विधायकों के खेती को लेकर सवाल पर फंस गए. हालत ये हो गई कि मंत्री से जवाब देते नहीं बना और उनसे पूछा गया प्रश्न स्थगित करना पड़ा. इस पर विपक्षी कांग्रेसी विधायकों ने काफी तंज कसे.
प्राकृतिक और परंपरागत खेती पर फंसे कृषि मंत्री: उत्तराखंड की खेती को लेकर पूछे गए एक सवाल पर शुक्रवार को कृषि मंत्री गणेश जोशी फंसते हुए नजर आए. बजट सत्र 2025 के चौथे दिन सत्ता पक्ष के विधायक बृज भूषण गैरोला के एक सवाल को विपक्ष के विधायकों ने ऐसा लपका कि मंत्री जी को उनके जवाब पर ही खूब सवाल दाग दिए. फिर सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने कृषि मंत्री को ऐसे घेरा कि सवाल को स्थगित करना पड़ा.
खेती का अंतर नहीं समझ पाए गणेश जोशी: विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी के जवाब देने का दिन था. सदन में आज कृषि मंत्री से ताबड़तोड़ सवाल किए गए. इसी दौरान डोईवाला से भाजपा विधायक बृज भूषण गैरोला ने पूछा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा रहा है.
कांग्रेस ने कृषि मंत्री को घेरा: इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कुछ योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है. उसके बाद शुरू हुए सप्लीमेंट्री सवालों में पहले कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस सवाल को लपका, तो वहीं उसके बाद कांग्रेस के खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने परंपरागत और प्राकृतिक शब्द पर जोर देते हुए पूछा कि किन फसलों को प्राकृतिक खेती कहा जा रहा है? कृषि मंत्री से जवाब से असंतुष्ट कापड़ी ने दोनों खेती को लेकर स्पष्ट किया और फिर सवाल दागा कि- आप परंपरागत खेती को बढ़ावा दे रहे हैं या प्राकृतिक खेती को? इस सवाल पर कृषि मंत्री कंफ्यूज नजर आए.
इसी बीच विपक्ष कहने लगी कि कंफ्यूजन है, कंफ्यूजन! फिर सदन में एक आवाज आती है कि, अरे, सचिव को भी नहीं होगा पता. इस बीच कांग्रेस के खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने गणेश जोशी का जवाब स्थगित करने की मांग उठाई, उनका कहना था कि दोनों खेती को लेकर मंत्री व उनके अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं. इस बीच विधायक विनोद चमोली ने जवाब देने का प्रयास किया.
खामी निकालते रहे विपक्षी विधायक: कृषि मंत्री ने फिर जवाब देने का प्रयास किया हर एक जवाब पर कांग्रेस के विधायक कुछ न कुछ खामी निकाल देते थे. इस बीच मंत्री थोड़ा चिढ़ गए. तभी कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सवाल किया कि एक तरह मंत्री की ओर से कहा जा रहा है कि प्राकृतिक खेती के लिए 8 करोड़ की व्यवस्था कर दी है और फिर ये भी कह रहे हैं कि खेती शुरू नहीं हुई? इस दौरान सदन में हल्का माहौल भी देखने को मिला. विधानसभा अध्यक्ष भी प्राकृतिक खेती के सवाल पर चुटकी लेती नजर आईं. इस बीच सदन के बीच से एक आवाज और सुनाई दी, भई इतने सारे सचिव महोदय बैठे हैं कोई तो पर्ची भिजवा दो.
वहीं, बची खुची कसर भाजपा के अपने विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान के अलावा दुर्गेश लाल भी बीच बीच पूरी कर रहे थे. हालात को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को यह सवाल बिना उत्तर दिए स्थगित करना पड़ा.
कृषि विभाग के अधिकारियों ने मंत्री तक नहीं भेजा जवाब: बड़ी बात तो यह है कि मंत्री पर लगातार आ रहे सवालों के बाण के बावजूद भी कृषि विभाग के किसी अधिकारी ने सवालों का जवाब लिख कर मंत्री तक नहीं भेजा. कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस मामले में कहा कि उनसे जो सवाल पूछा गया था, उसका उन्होंने पूरा जवाब दिया. उसमें किसी तरह का कोई संदेह किसी को नहीं है. इसके अलावा जो विपक्ष के लोग बार बार एक के बाद एक सवाल ऊपर से पूछ रहे थे, उसका भी लगातार जवाब दिया जा रहा था. लेकिन फिर विधानसभा अध्यक्ष की पीठ से सवाल को स्थगित करने का निर्देश दिया गया तो उन्होंने पीठ का सम्मान किया. हालांकि कृषि मंत्री ने अधिकारियों की खूब क्लास लगाई. गणेश जोशी ने कहा कि वो अपने अधिकारियों से भी इस मामले में स्पष्टीकरण लेंगे.
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कृषि मंत्री गणेश जोशी के द्वारा विधानसभा में प्राकृतिक कृषि को लेकर सही जवाब न देने पर सवाल को स्थगित कर दिया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का भी कहना है कि कृषि मंत्री को पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन जब वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, तो फिर उनके द्वारा सवाल को स्थगित कर दिया गया.
प्राकृतिक और पारंपरिक खेती में अंतर:--
प्राकृतिक खेती | पारंपरिक खेती |
---|---|
रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. | रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. |
प्रकृति के चक्र पर आधारित होती है. | किसानों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. |
प्रकृति के चक्र के अनुसार होती है. | सिंथेटिक उर्वरक, कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है. |
प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम होता है. | ग्रीनहाउस गैसें बढ़ती हैं और जल प्रदूषण होता है. |
आदेश चौहान ने उठाया बाहरी लोगों का मुद्दा: इधर बीजेपी विधायक आदेश चौहान ने बाहरी लोगों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में बाहरी प्रदेश से आये लोगों की तादाद बढ़ी है. आदेश चौहान ने आरोप लगाया कि इन बाहरी लोगों के आधार कार्ड तक बन चुके हैं. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित कर प्रदेश से बाहर हटाने का काम करेगी.
संसदीय कार्यमंत्री ने दिया जवाब: इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि सरकार वेरिफिकेशन अभियान चला रही है. कहीं पर भी कोई संदिग्ध पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. मंत्री ने बताया कि रुड़की से दो संदिग्ध बंगलादेशियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें एक सजा काटकर बांग्लादेश भेजा जा चुका है. दूसरा अभी रुड़की झेल में सजा काट रहा है.
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