गोरखपुर:डॉक्टर और एंबुलेंस चालकों की साठगांठ के बड़े कारनामे का एक बार फिर गोरखपुर में पर्दाफाश हुआ. एंबुलेंस चालकों द्वारा बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मरीजों को झांसा देकर निजी अस्पताल में लाकर भर्ती करने और मरीज की मौत हो जाने के बाद भी इलाज करने के मामले में एक डॉक्टर सहित कुल 8 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया.
पुलिस लाइन में इस मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में कार्यरत संविदाकर्मियों से गठजोड़ कर मरीजों को गलत व अवैधानिक रूप से रोकने और प्राइवेट एम्बुलेंस से ले जाकर अन्य नर्सिंग होम व प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराने का खेल चल रहा था, जो अंशु हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद भी इलाज किए जाते रहने से उजागर हुआ. इस क्रम में जांच-पड़ताल में लोगों से धन उगाही करने के आरोप में 7 आरोपियों के साथ एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि ऐसी ही शिकायत पर मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर मय टीम द्वारा यूनिवर्सल हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज रोड झुंगिया के पंजीकरण और मानकों की जांच की गयी तो हॉस्पिटल में तीन मरीज भर्ती पाए गए. लेकिन, मौके पर कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं मिला. हॉस्पिटल में उमेश पुत्र रामकेवल निवासी संतकबीरनगर मिला. उसकी स्वास्थ विभाग से सम्बन्धित कोई डिग्री नहीं थी. उसने बताया कि उक्त हॉस्पिटल को उसके बड़े भाई महेश कुमार द्वारा संचालित किया जाता है. हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि उक्त तीनों मरीज पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने गए थे. जहां पर आरोपियों ने मिलकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को उचित स्वास्थ सुविधाओं के न होने की बात कहकर झांसे में लेकर निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया.