अयोध्या : रामनगरी में रामलला के विग्रह के प्राकट्य की 76वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गुरुवार को शोभा यात्रा निकाली गई. ट्रस्ट के पदाधिकारियों की सहमति से पहली बार भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में 31 दिसंबर को कलश की स्थापना की गई थी. आज अंतिम दिन राम जन्मभूमि गेट नंबर तीन स्थित छीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर से विशाल शोभा यात्रा निकाली गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में साधु संत शामिल रहे. रामकोट की परिक्रमा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
महंत धर्मदास ने कहा कि भगवान के गर्भगृह में कलश की स्थापना के बाद आज शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें भगवान हनुमान की सुरक्षा निशानी के साथ अयोध्या के साधु संत शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि रामलला आज भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं. जिसको लेकर प्राकट्य उत्सव को मनाया गया है. बैंड बाजा, रथ, घोड़ा के साथ रामकोट की परिक्रमा की गई है.
श्रीराम जन्मभूमि समिति के अध्यक्ष अच्युत शंकर शुक्ला ने कहा कि प्रथम दिवस रामलला के गर्भगृह में कलश की स्थापना हुई है. तृतीय दिवस पर राम जन्म भूमि के चतुर्दश मार्ग पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभा यात्रा में भगवान हनुमान की निशानी को भी शामिल किया जाता है. यह अति प्राचीन परंपरा है, जो पिछले 75 वर्षों से चल रही है. 76 वर्ष में भगवान रामलला का भव्य मंदिर बनने के बाद इस परंपरा को और भी भव्यता से मनाया गया है. समिति के संयोजक ने कहा कि ट्रस्ट के द्वारा इस कार्यक्रम में सहयोग किया गया और इस प्राचीन परंपरा को ट्रस्ट के द्वारा बढ़ाया जा रहा है. परिक्रमा में समिति के अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती, महासचिव अच्युत शंकर शुक्ला, महंत जयरामदास, महंत धर्मदास, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में साधु संत भी शामिल रहे.