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अयोध्या में जगमगाएंगे राम के ननिहाल के दीये, खास तौर पर गोबर से हुआ है निर्माण

अयोध्या राम मंदिर में इस बार छत्तीसगढ़ के दीये जलेंगे.इन दीयों की खासियत ये है कि ये गोबर से तैयार किए गए हैं.

Cow Dung lamps of Ram maternal house
अयोध्या में जगमगाएंगे राम के ननिहाल के दीये (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 4 hours ago

दुर्ग :दुर्ग नगर निगम द्वारा संचालित श्री राधेकृष्ण गौधाम, दुर्ग की नंबर वन आत्मनिर्भर गौधाम है.इस गौधाम में गोबर और गायों के गोमूत्र से कई तरह की चीजें बनाई जाती हैं. इस बार दुर्ग जिले के श्री राधे कृष्णा गौधाम में गाय के गोबर से दीपक समेत मूर्तियां बनाई जा रही है.इस गौधाम में छत्तीसगढ़ के अलावा एमपी,यूपी और राजस्थान से भी ऑर्डर आए हैं. यहां पर बनने वाले दीए इस बार अयोध्या राम मंदिर की रौनक बढ़ाएंगे.

गोबर से बने दीपकों की खासियत :आपको बता दें कि गाय के गोबर से तैयार दीपक का पूजा में इस्तेमाल करना काफी शुभ माना जाता है. गाय के गोबर से तैयार दीपक पानी में डूबता नहीं है.साथ ही दीपक जलने के बाद इसका खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.दुर्ग नगर निगम द्वारा संचालित कल्याणम महिला स्व सहायता समूह श्री राधेकृष्ण गौधाम में गोबर से तैयार दीपकों और मूर्तियों की ऑनलाइन भी काफी अच्छी मांग है. वहीं श्री राधेकृष्ण गौधाम संचालिका गायत्री ने बताया कि हमारे पास 500 गोवंश संरक्षित हैं. जिनसे रोजाना गोबर इकट्ठा किया जाता है.

अयोध्या में जगमगाएंगे राम के ननिहाल के दीये (ETV Bharat Chhattisgarh)

गोबर से भगवान की मूर्तियां और दीपक तैयार किए जा रहे हैं. दीपावली को ध्यान में रखते हुए गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं.अब तक 5 लाख दिये बनाने का आर्डर मिला है. इसमें से एक लाख दिये अयोध्या ही जाएंगे.बाकी दिए दुर्ग, भिलाई,राजनांदगांव,मध्य प्रदेश राजस्थान सहित विदेश में भी भेजा जा रहा है-गायत्री, संचालिका श्री राधेकृष्ण गौधाम

आपको बता दें कि कल्याणम महिला स्व सहायता समूह हर रोज 1000 से ज्यादा गोबर के दिये बना रही हैं.

मूर्ति और दीपक तैयार करने के लिए गोबर में चूना पाउडर, मुल्तानी मिट्टी, और पानी के रूप में गोमूत्र मिलाया जाता है. दिया बनाने से कुछ आमदनी भी हो रही है- रानी यादव,सहायता समूह सदस्य

ऑनलाइन साइट पर भी आसानी से लोगों को गाय के गोबर से बने दीपक और मूर्तियां उपलब्ध हो रही हैं. दीपावली नजदीक है, इसलिए गाय के गोबर से बने दीपक और मूर्तियों की मांग बढ़ गई है. इसको देखते हुए हर रोज 1000 से ज्यादा दिये बनाए जा रहे हैं.

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