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दहेज लोभियों की भेंट चढ़ी थी विवाहिता, कोर्ट ने पति को सुनाई 5 साल कठोर कारावास की सजा - DOWRY HARASSMENT CASE IN RUDRAPUR

कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के केस में दोषी पति को पांच वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

Rudrapur dowry case
दहेज उत्पीड़न केस में दोषी पति को सजा (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 22, 2025, 7:46 AM IST

रुद्रपुर:पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में तैनात सहायक प्राध्यापिका आत्महत्या मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय की कोर्ट ने पति को पांच वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी को 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष 14 गवाह पेश किए गए.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि 15 दिसम्बर 2015 को ग्राम जयनगर नम्बर चार थाना दिनेशपुर निवासी एस डी यादव द्वारा थाना पंतनगर में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. तहरीर में बताया गया कि उनकी पुत्री डॉक्टर किरन यादव की शादी 7 मई 2015 को भूदेवीनगर सिकंदराबाद तेलंगाना निवासी डॉक्टर आकाश यादव के साथ की गई थी. जब वह ससुराल में पहुंची तो कुछ समय बाद ही उसके पति सास, ससुर व देवर उसे कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करने लगे.

आरोप लगाया गया था कि ससुराल पक्ष के लोग डॉक्टर किरन यादव के साथ मारपीट करते व भूखा रखते थे. ससुराल पक्ष के लोग नगदी व एक बड़ी कार की डिमांड करते थे. लेकिन बेटी ने कहा कि उसके पिता इस काबिल नहीं है कि वो उनको बहुत सारा धन और कार लेकर दे सके. जिसके बाद ससुराल वाले उसको और ज्यादा प्रताड़ित करने लगे. डॉक्टर किरन यादव ने अपने पिताजी को यह बात फोन पर बताई तो उन्होंने अपने छोटे पुत्र संतोष यादव को 4 जुलाई 2015 को बेटी के ससुराल भेजा. इस दौरान भी ससुराल पक्ष के लोग उसकी बहन को ताने देते हुए नजर आए और कार और रुपए की डिमांड करने लगे. जिसके बाद डॉक्टर किरन यादव ने हैदराबाद में कुछ समय अध्यापक की नौकरी की.

इसी दौरान उसकी नौकरी पंतनगर विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में लग गई. वह पंतनगर विश्वविद्यालय के आवास संख्या 1746/8 में शिफ्ट हो गई. इस बीच उसके पति डॉक्टर आकाश यादव ने उसे वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा तो वह परेशान रहने लगी. उसके पति, सास, ससुर ने उसके मित्रों से धमकियां दी कि यदि किरन नौकरी छोड़कर वापस नहीं आई तो उसके पिता व दोनों भाईयों को जान से मरवा देंगे. इसकी जानकारी किरन ने 13 दिसम्बर 2015 को अपने भाई को दी. अगले दिन 14 दिसम्बर 2015 को प्रातः 8 बजे जब भाई संतोष यादव आवास पर गया तो देखा कि बहन ने आत्महत्या कर ली थी.

पिता एस डी यादव ने रिपोर्ट में कहा कि दहेज प्रताड़ना से परेशान होकर उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली. इस बहुचर्चित मामले में पंतनगर पुलिस ने मृतका के पति डॉक्टर आकाश यादव के विरूद्ध चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की थी. जिसके बाद से मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्या की कोर्ट में चला. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने कोर्ट के समक्ष 14 गवाह पेश किए गए. मंगलवार को एडीजे मुकेश कुमार आर्या ने आरोपी डॉक्टर आकाश यादव को दोषी मानते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

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