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नाबालिग लड़की से रेप के मामले में आरोपी को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा, 24 हजार रुपए के जुर्माने से किया दंडित - 20 Years Of Imprisonment - 20 YEARS OF IMPRISONMENT

अजमेर की पोक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या एक ने नाबालिग लड़की से रेप के मामले में आरोपी युवक को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 24 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

20 वर्ष का कठोर कारावास
20 वर्ष का कठोर कारावास (फोटो- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 3, 2024, 1:40 PM IST

अजमेर. ब्यावर के जवाजा क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अजमेर जिले की पोक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या एक ने आरोपी युवक को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 24 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 14 फरवरी को पीड़िता के पिता ने जवाजा पुलिस थाने में बेटी की गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में परिवादी ने पुलिस को बताया कि 12 फरवरी 2023 को सुबह 10 बजे उसकी नाबालिग पुत्री बिना बताए घर से कहीं निकल गई. देर शाम तक वह वापस घर नहीं लौटी तब उसकी तलाश की गई तो वह नहीं मिली. परिवादी ने पुलिस को बताया कि उसके पुत्री घर से जाते समय अपने साथ 20 हजार रुपए लेकर गई है. परिवादी पिता की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज करके जांच शुरू की. प्रकरण की जांच में सामने आया कि जवाजा थाना क्षेत्र के गांव बड़चोरा निवासी 22 वर्षीय राजेंद्र सिंह नाबालिग लड़की को अपने साथ ले गया. पुलिस ने आरोपी राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार करके नाबालिग लड़की को दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने प्रकरण में 3/4 पोक्सो एक्ट, 376 (2),(n) की धारा जोड़ दी.

पढ़ें: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा

परिहार ने बताया कि जवाजा थाना पुलिस ने पीड़िता के न्यायालय में 161 और 164 सीआरपीसी के बयान करवाए. उन्होंने बताया कि पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि 12 फरवरी 2023 को सुबह 11 बजे वह घर पर थी तब राजेंद्र ने उसे फोन किया और उसे गांव के बाहर सड़क पर बुलाया. राजेंद्र की बताई हुई जगह पर वह पहुंची तब उसने घूमने का बहाना बनाकर पीड़िता को ट्रेन में अपने साथ बैठा लिया और उसे अहमदाबाद ले गया. आरोपी ने अहमदाबाद की एक होटल में पीड़िता को रखा और वहां उसके साथ रेप किया था.

डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से हुई रेप की पुष्टि :विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पुलिस ने प्रकरण में पीड़िता और आरोपी के सैंपल लेकर जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भिजवाए गए थे. साथ ही डीएनए जांच भी कार्रवाई. दोनों की रिपोर्ट को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. परिहार ने बताया कि डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई और यह दोनों रिपोर्ट ही सजा का आधार बनी. परिहार ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे में 14 गवाह और 29 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने आरोपी राजेंद्र सिंह को धारा 363 में 3 वर्ष के कारावास और 3 हजार रुपए से दंडित किया है. इसी तरह धारा 343 में 1 वर्ष कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माना एवं 5(L)/6 पोक्सो एक्ट की धारा में 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के जमाने से दंडित किया है. इसके अलावा कोर्ट ने पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 6 लाख रुपए देने की भी अनुशंसा की है.

कोर्ट का यह रहा मत :फैसले में कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि 18 वर्ष से कम आयु की नाबालिग को लड़की के माता-पिता की अनुमति के बिना उसे फोन करके गांव के बाहर बुलाकर ट्रेन से अहमदाबाद ले जाकर होटल में उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित कर घ्रणित अपराध कृत किया है. इसीलिए अभियुक्त के साथ किसी भी प्रकार का नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

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