नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सेंट्रल पैनल के सभी चार पदों पर लेफ्ट ने कब्जा कर लिया है. कुछ चुनाव समिति की अव्यवस्थाओं के चलते सेंट्रल पैनल की मतगणना करीब सात घंटे की देरी से शुरू हुई. हालांकि, इस बार विपक्षी ABVP ने कड़ा मुकाबला दिया.
काउंसल पदों पर ABVP ने जीते ज्यादा पदः चार पदों के परिणाम घोषित होने के बाद पिछले एक महीने से चल रही छात्र संघ चुनाव की सरगर्मी भी खत्म हो जाएगी. सेंट्रल पैनल की मतगणना शुरू होने से पहले काउंसलर के 42 पदों की मतगणना चल रही थी, जो शनिवार सुबह शुरू हुई थी. शनिवार देर रात तक चली काउंसलर के पदों की मतगणना के बाद सभी 42 पदों का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 25 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है.
एबीवीपी ने स्कूल संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज (एसएसआईएस) की तीनों, स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टेमेटिक साइंसेज (एससीएसएस) की तीनों, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) की चारों, स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल स्टडीज (एसईएस) की दो में से एक और स्कूल ऑफ कंप्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंसेज (एससीआईएस) की एक सीट, स्कूल ऑफ नैनो साइंस की एक सीट और पार्ट टाइम कोर्सेज के सेंटर की एक सीट के साथ अन्य कई स्कूलों की सीटों पर भी जीत दर्ज की है.
वहीं, एनएसयूआई ने एसईएस की एक सीट और बापसा ने सीएसएलजी की एक सीट पर जीत दर्ज की है. सेंट्रल पैनल के चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिनमें से एक प्रत्याशी लेफ्ट यूनाइटेड पैनल की सचिव पद की प्रत्याशी स्वाति सिंह का नामांकन खारिज होने के बाद कुल 18 प्रत्याशी रह गए थे. उन 18 प्रत्याशियों में से चार प्रत्याशियों की जीत का परिणाम जल्द आने की संभावना है. सुबह देरी से शुरू हुई मतगणना के कारण शाम तक ही चुनाव परिणाम आने की संभावना जताई जा रही है.
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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान हुआ था, जबकि 20 मार्च की रात को अध्यक्षीय डिबेट का आयोजन किया गया था, जिसमें अध्यक्ष पद के सात उम्मीदवारों ने अपने-अपने वक्तव्य के साथ चुनावी वादों को छात्र-छात्राओं के बीच रखा था. गौरतलब है कि जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव वर्ष 2019 के बाद अब 4 साल बाद हुए हैं. 3 साल कोरोना संकट के चलते और एक साल शैक्षणिक सत्र के देरी से शुरू होने के चलते चुनाव संपन्न नहीं हो सके थे.
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