धनबाद: जिले कानिरसा विधानसभा सीट कभी लाल गढ़ के रूप में माना जाता था. मासस से अरूप चटर्जी तीन बार यहां से विधायक रहे. हालांकि, 2019 में फॉरवर्ड ब्लॉक से बीजेपी में शामिल हुईं अपर्णा सेन गुप्ता ने यहां कमल खिलाया और अरूप चटर्जी को हार का सामना करना पड़ा. इस बार मासस का माले में विलय हो गया है और माले इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. इंडिया गठबंधन ने भाकपा माले से पूर्व विधायक अरूप चटर्जी को मैदान में उतारा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने अरूप चटर्जी से खास बातचीत की.
अरूप चटर्जी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने पांच साल में जो काम किया है, उससे लोग काफी उत्साहित हैं. हालांकि, इलाके में पानी एक बड़ी समस्या है. 2017 में पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ी परियोजना शुरू की गई थी, इसे अब पूरा कराना है.
उन्होंने बताया कि जलापूर्ति योजना 2017 में शुरू की गई थी. इसे 2017 में केंद्र सरकार को भेजा गया था. केंद्र सरकार ने फंड देने से इनकार कर दिया था. बाद में डीएमएफटी फंड से हमें मंजूरी मिली. अपर्णा के कार्यकाल में यह परियोजना बंद हो गई थी. फिर इसे शुरू करके पूरा कराना है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद हर घर में सुचारू रूप से पानी मिलने लगेगा.
पिछली बार अशोक मंडल झामुमो से निरसा सीट से प्रत्याशी थे, इस बार वे जेएलकेएम से प्रत्याशी हैं. इसका इस चुनाव पर कितना असर पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में अरूप चटर्जी ने कहा कि यह कोई फैक्टर नहीं है, निरसा की राजनीति में अशोक मंडल की विरासत खत्म हो चुकी है. उन्हें पांच हजार से भी कम वोट मिलेंगे.