गिरिडीह: सरकारी स्कूलों में बच्चों के मनोरंजन और खेलने के लिए झूला लगाया जा रहा है. योजना अच्छी है लेकिन झूला को लगाने में मनमानी हो रही है. इसी मनमानी की वजह से सदर प्रखंड के महेशलुंडी गांव में विवाद उत्पन्न हो गया है. यहां के लोगों ने विद्यालय प्रबंधन और एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. लोगों का कहना है कि झूला को रात के समय बगैर प्रबंधन समिति से सलाह लिए ही मैदान के बीच में लगा दिया गया है. झूला उस मैदान में लगा दिया गया जिसका उपयोग खेलकूद के लिए, स्कूल के कार्यक्रम के लिए और चुनाव के समय डिस्पैच सेंटर के लिए किया जाता है. लोगों ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी के प्राचार्य पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने इसे लेकर एक शिकायत भी डीसी से की है.
क्या कहते हैं मुखिया
क्षेत्र के मुखिया शिवनाथ साव का कहना है कि उन्हें ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की रात को अचानक कुछ लोग पहुंचे और बीच मैदान में झूला लगाने लगे. लोगों ने विरोध किया तो कहा गया कि रांची से वे लोग आए हैं और विद्यालय के प्रिंसिपल से बात की. प्रिंसिपल ने जहां बताया वहीं पर लगा दिया गया. इसके बाद उन्होंने प्रिंसिपल से बात की तो वह साफ-साफ कुछ बता नहीं सकीं. डीईओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें योजना की जानकारी नहीं है. शिवनाथ साव का कहना है कि अच्छी बात है कि उनके गांव के विद्यालय में झूला लगाया गया है, लेकिन शिकायत स्थान को लेकर है.
मुखिया शिवनाथ ने कहा कि जिस स्थान पर झूला लगाया गया है. वहां बच्चे खेलते हैं. झूला को मैदान के किनारे लगाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस मैदान का उपयोग जिला प्रशासन भी करती है. गांव के बड़े कार्यक्रम का आयोजन भी यहीं होता है. ऐसे में मैदान को सुरक्षित रखना जरूरी है. मुखिया शिवनाथ ने कहा कि प्रिंसिपल को स्कूल प्रबंधन और गांव के वरिष्ठ नागरिकों से सलाह लेकर कुछ निर्णय लेना चाहिए था.
क्या कहती हैं अध्यक्ष
विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष कहती हैं कि झूला लगाने के समय वह पहुंची थी. उनके द्वारा कहा गया कि झूला को मैदान के किनारे लगाया जाए. लेकिन उनकी बात प्रिंसिपल द्वारा नहीं सुनी गई. प्रिंसिपल ने कहा कि यहां झूला लगेगा तो वह बच्चों पर नजर रख सकेगी. इधर ग्रामीणों द्वारा मनमानी के लगाए जा रहे आरोप पर विद्यालय की प्रिंसिपल माया कुमारी का पक्ष लेने का प्रयास किया गया. उनके मोबाइल पर कई दफा फोन किया गया लेकिन उन्होंने कई घंटे तक उत्तर नहीं दिया. शाम में फिर से बात की गई तो कहा गया कि सुबह इसके बारे में जानकारी देंगे.