रांची: झारखंड की राजनीति में नेताओं की डिग्री और व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का मुद्दा फिर से सुर्खियों में है. झारखंड के नेता प्रतिपक्ष ने शनिवार को वीडियो क्लिप जारी कर राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में अभ्यर्थियों की हो रही मौत मामले में सीएम को घेरा. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तुलना मोहम्मद बिन तुगलक से की थी. इस वीडियो क्लिप में अमर बाउरी ने मोहम्मद बिन तुगलक को मुगल शासक बताया था. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस और झामुमो नेता प्रतिपक्ष के इतिहास ज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं.
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और मोदी कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं अमर बाउरी
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने अमर बाउरी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को पढ़ाई लिखाई भी करना चाहिए लेकिन इसमें उनका भी दोष नहीं है. वह उस पार्टी के नेता हैं जो जिसकी सांसद कहती हैं कि देश 2014 के बाद आजाद हुआ. कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि दरअसल मोदी कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें हंसी आती है अमर बाउरी के बयान सुनकर कि कैसे ये देश के नेता बनें हुए हैं जिन्हें देश का इतिहास भी पता नहीं है.
वहीं जम्मू जाने के क्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने फोन पर ईटीवी भारत से इस मुद्दे पर कहा कि इसमें दोष अमर बाउरी का नहीं है. जिस पार्टी के दिग्गज नेता ही नाली के गैस से खाना बनाना जैसे कई तथ्यहीन बातें करते हों. वहां अगर झारखंड विधानसभा नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने मोहम्मद बिन तुगलक को मुगल शासक बता दिया तो इसमें आपत्ति क्या है. उन्होंने कहा कि आपत्ति की बात यह है कि राज्य के विकास, यहां की महिलाओं के सम्मान और युवाओं की नौकरी-रोजगार के लिए काम कर रहे हैं तो भाजपा उनको तानाशाह और आताताई बता रही है.