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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने धामी सरकार को घेरा, कहा- उत्तराखंड अपराध की दुनिया में पहले पायदान पर - Uttarakhand Congress

Uttarakhand Congress पांच दिवसीय बदरीनाथ विधानसभा भ्रमण पर जाने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. साथ ही एक बार फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड में सबूतों को नष्ट किए जाने का आरोप लगाया है.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 28, 2024, 3:47 PM IST

CONGRESS STATE PRESIDENT KARAN MAHARA
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (photo- ETV Bharat)

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (video-ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इसी बीच उन्होंने देश और प्रदेश में महिला अपराधों पर चिंता जाहिर की और एनआरसीबी के आंकड़ों को आधार बनाते हुए कहा कि बढ़ते महिला अपराधों में उत्तराखंड आज नौ हिमालयी राज्यों में पहले पायदान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, लेकिन राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं.

करन माहरा ने कहा कि महिला अपराधों से जुड़े मामलों में भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन भाजपा उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार के बहादराबाद में 26 जून को घटी घटना में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या कर दी गई. इस केस में भाजपा का नेता आदित्य राज सैनी मुख्य आरोपी है, उसके बावजूद अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने भाजपा के प्रवक्ताओं के उन आरोपों को भी निराधार बताया है, जिसमें भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस बौखलाहट में भाजपा पर इस तरह के आरोप लगा रही है.

करन माहरा ने कहा कि भाजपा प्रवक्ताओं को ऐसे बयान देने से पहले उन लड़कियों के बारे में सोचना चाहिए, जिनके साथ इस तरह के कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है. अधिकतर अपराधों में भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन भाजपा अपने नेताओं पर कार्रवाई करने की जगह चुप्पी साध लेती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार महिलाओं और बेटियों के साथ अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी मौन साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही घटनाओं पर अंकुश लगाया होता, तो उत्तराखंड आज नौ हिमालयी राज्यों में पहले पायदान पर नहीं आता.

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