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आदिवासी एकता महारैली को सफल बनाने के लिए कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने झोंकी ताकत, कहा-मजबूती के साथ उठाएंगे आदिवासियों की आवाज

Congress leader Bandhu Tirkey held meeting in Ranchi. डीलिस्टिंग रैली के जवाब में कांग्रेस नेता बंधु तिर्की के नेतृत्व में रांची में चार फरवरी को आदिवासी एकता महारैली निकाली जाएगी. यह रैली आदिवासी जनाधिकार मंच के बैनर तले निकाली जाएगी. इसे लेकर बंधु तिर्की आदिवासियों को जागरूक कर रहे हैं.

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Adiwasi Ekta Maharally In Ranchi

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 30, 2024, 2:16 PM IST

रांची:राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान से चार फरवरी 2024 को आदिवासी जनाधिकार मंच के बैनर तले आदिवासी एकता महारैली निकाली जाएगी. 24 दिसंबर को जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से आयोजित डीलिस्टिंग महारैली के जवाब में आयोजित की जा रही इस महारैली को सफल बनाने में पूर्व शिक्षा मंत्री और झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की जुटे हुए हैं.

आदिवासी एकता महारैली ऐतिहासिक होगी: सरकार की समन्वय समिति के सदस्य बंधु तिर्की ने मंगलवार को आदिवासी एकता महारैली को लेकर बैठक की और आदिवासी एकता महारैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी सहयोगियों से जुटने का आह्वान किया. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि 04 फरवरी 2024 को आदिवासी जनाधिकार मंच के बैनर तले रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित होनेवाली आदिवासी एकता महारैली में आदिवासी जनजाति समाज के लोगों की आवाज को मुखरता और मजबूती के साथ मंच से उठाया जाएगा.

आदिवासी की मांगों और संवैधानिक अधिकारों से नहीं करेंगे समझौताः बंधु तिर्की ने कहा कि यह रैली इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि आज की तारीख में जनजाति समाज इतिहास के ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है, जहां आदिवासियों की मांगों और उनके संवैधानिक अधिकारों से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. राजधानी के कमरे के एक होटल के सभागार में आदिवासी एकता महारैली की तैयारी के सिलसिले में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि महारैली को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस महारैली के उद्देश्यों को घर-घर पहुंचाने के लिए प्रचार रथ भी घूम रहा है.

आदिवासी एकता को तोड़ने की साजिश के खिलाफ करेंगे जागरूकःराज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के सभी आदिवासी के बीच एकता और हमारी एकता को तोड़ने की साजिश रचने वालों के प्रति सावधान करना ही महारैली का मुख्य उद्देश्य है. बंधु तिर्की ने कहा कि अपनी सभ्यता-संस्कृति के साथ ही झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए बिना किसी भेदभाव के सभी को एकजुट होना ही होगा. आदिवासी समाज किसी भी कीमत पर ना तो टूटेगा और ना ही बिखरेगा.

बैठक में ये थे मौजूदः आज की बैठक में विजय तिर्की ग्राम प्रधान सुंडील, विजय पाहन ग्राम प्रधान पिर्रा, बसंत पाहन ग्राम प्रधान होचर, शिवचरण उरांव ग्राम प्रधान मुरचो, शिवा कच्छप, राजेश लकड़ा, सुनील तिर्की, लालू खलखो, जयंती टोप्पो ग्राम प्रधान कोकरे, राजू मुंडा, ऋषि तिर्की, बलम उरांव, मदन कच्छप, मनोज कुमार उरांव ग्राम प्रधान बानापीढ़ी, महरु उरांव, शैलेंद्र मुंडा, निरंजन उरांव, शंकर उरांव आदि मौजूद थे.

24 दिसंबर को जनजाति सुरक्षा मंच ने निकाली थी डीलिस्टिंग महारैली:24 दिसंबर 2023 को मोरहाबादी मैदान में ही जनजाति सुरक्षा मंच ने विशाल डीलिस्टिंग महारैली कर धर्म परिवर्तन करने वाले जनजातीय समाज के लोगों को शेड्यूल ट्राइब के लिए मिलने वाली सुविधाओं से वंचित करने की मांग की थी. इस महारैली में झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड के अलग-अलग जिले से बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए थे. पूर्व डिप्टी स्पीकर और भाजपा नेता रहे करिया मुंडा ने भी मंच साझा किया था और डीलिस्टिंग की मांग की थी. उसके बाद से ही बंधु तिर्की और उनके समान विचारधारा वाले आदिवासी नेता जनजाति सुरक्षा मंच की मांग को जनजातीय समाज में विभेद पैदा करने वाला बताते हुए 04 फरवरी को आदिवासी एकता महारैली निकालने की घोषणा की थी.

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