रांची: झारखंड में INDIA ब्लॉक के तहत कांग्रेस, झामुमो, राजद और माले लोकसभा चुनाव को किस कदर गंभीरता से लिया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चारों दलों के नेताओं ने अपना सारा जोर चुनावी सभा, मोदी सरकार की 10 वर्षों की नाकामयाबी और INDIA ब्लॉक की सरकार बनने पर जनता से किये वादे को घर-घर पहुंचाने पर लगा दिया है.
गठबंधन की सभी पार्टियों ने विधायकों को भी यह टास्क दे दिया है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को विधानसभा वार भी परखा जाएगा, अगर विधायकों का अपने विधानसभा क्षेत्र में परफॉरमेंस ठीक नहीं रहा तो साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा उनको उठाना पड़ सकता है.
संविधान और देश बचाने की लड़ाई है 2024 का लोकसभा चुनाव
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता जगदीश साहू ने विधायकों को लोकसभा चुनाव के लिए दी गयी जिम्मेदारियों की जानकारी देते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं है. यह देश, संविधान और आरक्षण बचाने का चुनाव है. इस चुनाव में किसी कोताही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
जगदीश साहू ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभा वार समीक्षा होगी और जिस जिस विधानसभा क्षेत्र का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहेगा, उस क्षेत्र के विधायक को दंडित भी किया जा सकता है. कांग्रेस नेता जगदीश साहू ने कहा कि लोकसभा क्षेत्र में जिस जिस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक, बीजेपी या आजसू से पिछड़ेंगे उनको आगे टिकट मिलेगा या नहीं इसका फैसला आलाकमान करेगा. उन्होंने कहा कि खराब परफॉर्मर के लिए यह दाग जैसा होगा कि उनके इलाके निर्वाचित विधानसभा क्षेत्र में भाजपा या आजसू को लीड मिल जाए.
झामुमो ने भी तय कर दी है विधायकों का उत्तरदायित्व
राज्य में पांच लोकसभा क्षेत्र जमशेदपुर, सिंहभूम, गिरिडीह, दुमका और राजमहल सीट पर चुनाव लड़ रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी अपने विधायकों को अपने अपने विधानसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार को लीड दिलाने की जवाबदेही सौंपी है. झामुमो ने सिंहभूम, राजमहल, दुमका सीट को तो प्रतिष्ठा की सीट मानते हुए साफ साफ शब्दों में सीटिंग विधायकों को कह दिया है कि विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को लीड मिलने वाले क्षेत्र के झामुमो विधायकों को टिकट देने से पहले झामुमो नेतृत्व विचार करेगा.