राजसमंद.भाजपा राजस्थान की सभी 25 सीटों को जीतने के लिए अभी से ही एड़ी चोटी का दम लगाए हुए हैं. यही वजह है कि इस बार टिकट वितरण से पहले जातिगत समीकरणों का विशेष रूप से ध्यान रखा गया. इसके अलावा कई पूर्व सांसदों को राज्य की भजनलाल सरकार में मंत्री बनाया गया. वहीं, राज्य की मौजूदा डिप्टी सीएम दीया कुमारी के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद इस बार राजसमंद सीट पर रोचक मुकाबले की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कांग्रेस ने एक फिर से गुर्जर प्रत्याशी पर दांव लगाया है तो भाजपा ने रजवाड़े पर भरोसा जताया है. कांग्रेस यहां से अपने भीलवाड़ा प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर को मैदान में उतारा है और उनकी जगह सीपी जोशी को भीलवाड़ा का उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, इसे कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि बीते विधानसभा चुनाव में गुर्जरों का बड़ा वोट भाजपा को गया था, लेकिन कांग्रेस के गुर्जर प्रत्याशी देने से यहां अब मुकाबले टक्कर हो गया है.
दरअसल, राजसमंद संसदीय सीट पर पहले कांग्रेस ने सुदर्शन सिंह रावत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में रावत ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद आनन-फानन में भीलवाड़ा उम्मीदवार डॉ. दामोदर गुर्जर को राजसमंद शिफ्ट किया गया. पिछले दो लोकसभा चुनावों की बात करें तो यहां भाजपा का कब्जा है. वहीं, चार जिलों की आठ विधानसभाओं में मेवाड़ व मारवाड़ का लंबा चौड़ा इलाका आता है, जहां तक की सभी पंचायत स्तर पर पहुंचना भी किसी दल के प्रत्याशी के लिए फिलहाल आसान नहीं है, क्योंकि प्रचार के लिए अब सीमित समय बचा है. इन सब के बावजूद डॉ. दामोदर के कांग्रेस प्रत्याशी बनने से राजसमंद सीट पर इस बार कड़े मुकाबले के आसार बने हैं.
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हालांकि, मौजूदा स्थिति कुछ हद तक 2019 की तरह नजर आ रही है, क्योंकि तब जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी भाजपा प्रत्याशी और देवकीनंदन गुर्जर कांग्रेस उम्मीदवार थे. अब उदयपुर पूर्व राजपरिवार की सदस्य महिमा कुमारी भाजपा से और कांग्रेस ने फिर ओबीसी वर्ग से डॉ. दामोदर गुर्जर पर दांव चला है. पूर्व राजपरिवार की सदस्य व महिला और ओबीसी पुरुष के बीच मुकाबले को देखते हुए 2019 में जैसी स्थिति 2024 में भी देखी जा रही है.
दौसा में जब्त हो गई थी जमानत : राजसमंद कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर पहले 2013 में दौसा से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें वहां 1447 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा को 65 हजार 904 वोट हासिल हुए थे. यानी दौसा में गुर्जर को महज एक प्रतिशत वोट मिला था. इससे उनकी जमानत जब्त हो गई थी. हालांकि, उसके बाद से ही दामोदर गुर्जर राजनीति में सक्रिय हैं और बाद में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. देवनारायण बोर्ड के सदस्य रह चुके थे.
इन सीटों से लड़ना चाहते थे दामोदर :डॉ. दामोदर गुर्जर ने पहले पार्टी से टोंक-सवाई माधोपुर से टिकट मांगा था. वहां से हरीश मीणा को टिकट दे दिया गया. उसके बाद गुर्जर ने कोटा से टिकट की इच्छा जाहिर की, लेकिन भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस ने महत्व दिया और उन्हें प्रत्याशी बना दिया. फिर उन्हें भीलवाड़ा से टिकट दिया गया, लेकिन डैमेज कंट्रोल के प्रयास में पार्टी आलाकमान ने फिर बदलाव करते हुए डॉ. सीपी जोशी को भीलवाड़ा का प्रत्याशी बना दिया और डॉ. दामोदर गुर्जर को राजसमंद भेज दिया गया. इस तरह डॉ. दामोदर लंबे समय तक टिकट की दौड़ में रहे, जिसके चलते टोंक, कोटा व भीलवाड़ा के बाद अब चौथी जगह उनका टिकट फाइनल हुआ है.
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भाई रह चुके हैं राजसमंद के कलेक्टर :कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर के भाई श्यामलाल गुर्जर आईएएस से सेवानिवृत हो चुके हैं, जो पहले विधानसभा चुनाव के दौरान राजसमंद में जिला कलेक्टर रहे थे. इसके अलावा उनके दूसरे भाई रामलाल गुर्जर आरएएस अधिकारी हैं, जो मांडल में एसडीएम रह चुके हैं. तीसरे भाई रामकिशोर गुर्जर भी तहसीलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं. खुद डॉ. दामोदर गुर्जर पुलिस उपाधीक्षक रह चुके हैं, जो कुछ समय राजसमंद पुलिस में भी रहे. इसके अलावा उनका ज्यादातर समय जयपुर के पुलिस थानों में बीता. जबकि बिजली निगम के विजिलेंस टीम में भी वो पुलिस उपाधीक्षक के पद रहे. अभी एक एजुकेशन ग्रुप के डायरेक्टर हैं, जिसकी 22 संस्थाएं संचालित हैं.
31 मार्च को राजसमंद आएंगे दामोदर :कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर 31 मार्च से चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. यहां टपरिया खेड़ी में उनका स्वागत कार्यक्रम निर्धारित है. उसके बाद भावा गांव में अभिनंदन के बाद जेके सर्कल पर भी गुर्जर का स्वागत होगा. वहीं, भावा गांव से पीपरड़ा जाएंगे और फिर वहां से सीधे नाथद्वारा पहुंचेंगे, जहां श्रीनाथजी के दर्शन कर कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. उसके बाद कुमावत समाज पाटिया में कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे. वहां से रवाना होकर गोमती चौराहा, जनावद पहुंचेंगे, जहां पर कार्यकर्ता स्वागत करेंगे और उसके बाद गढ़बोर पहुंचकर चारभुजानाथ के दर्शन करेंगे. फिर शाम 5 बजे दिवेर में स्वागत व कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम प्रस्तावित है.