प्रयागराज:इलाहाबाद लोकसभा सीट पर चार दशक के बाद कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह को जीत मिली है. 1984 के बाद 2024 में अब कांग्रेस का परचम लहराया है. इस जीत का श्रेय उज्जवल रमण सिंह के पिता पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने सपा-कांग्रेस के पीडीए गठबंधन और उनके मुद्दों को दिया है.
वहीं, उज्ज्वल रमण सिंह का कहना है कि जनता बेरोजगारी, मंहगाई जैसे वजहों से परेशान थी और जनता बदलाव चाहती थी, जिस कारण भाजपा से लोगों का मोहभंग हुआ. उन्होंने इंडी गठबंधन के नेताओं पर भरोसा करके चार दशकों के बाद इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को चुना है.
प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस बीते 40 सालों से वनवास झेल रही थी, जो इस चुनाव में दूर हो गया है. 1984 के बाद इलाहाबाद सीट पर मिली जीत से जहां कांग्रेस नेताओं में उत्साह है. वहीं राजनीति के जानकार कांग्रेस के इस जीत को लेकर अलग-अलग कारण बता रहे हैं. राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अनंत राम कुशवाहा कहते हैं कि इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को विजय मिलने के पीछे भाजपा की नीतियां कारण हैं.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी ने इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस उमम्मीद्वार उज्ज्वल रमण सिंह के सामने मजबूत प्रत्याशी नहीं उतारा था. इसके साथ ही प्रयागराज के वरिष्ठ पत्रकार अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि बीजेपी के हार के पीछे की सबसे मुख्य वजह पार्टी के अंदर की गुटबाजी थी.
उनका कहना है कि भाजपा ने जिस कैंडिडेट का टिकट काटकर, दूसरे को टिकट दिया है. वो और उसके साथ टिकट के दूसरे दावेदार और उनके समर्थक भी हार के पीछे के कारण में शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने इलाहाबाद लोकसभा समेत पूरे यूपी में भाजपा के हार के पीछे की मुख्य वजह मोदी फैक्टर का फेल होना भी बताया है.
40 साल के वनवास के बाद कांग्रेस को मिली जीत:प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 सालों के लंबे वनवास के बाद आखिर कांग्रेस पार्टी को जीत मिल गई है. इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को 58 हजार 20 वोटों से हराया है.