कोटा. राजस्थान एसोसिएशन की स्पाइसेज संस्था का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन कोटा में आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में प्रदेश भर से मसाला उद्योग से जुड़े किसान और व्यापारी पहुंचे. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नगर पहुंचे. उन्होंने पद्मश्री पदक से सम्मानित हुकमचंद पाटीदार का सम्मान किया.
इस दौरान मंत्री नागर ने कहा कि मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारियों, उद्यमियों और किसानों को मिलकर फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी और उसकी क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि हमारा माल विदेशों में अधिक से अधिक निर्यात हो सके, जिससे देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो. साथ ही, यहां के किसानों, व्यापारियों को उसका फायदा मिल सके.इसके साथ ही इसमें औषधीय गुण होने से निर्यात के भी काफी ज्यादा अवसर होते हैं.
स्पाइसेज संस्था का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि कोटा को उद्योग नगरी के रूप में दोबारा पहचान मिले, इसके लिए कोटा में एग्रीकल्चर हब, स्पाईस मार्क, स्टोन पार्क की सौगात मिलनी चाहिए. संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्याम जाजू का कहना है कि प्रदेश में हर साल 12000 करोड़ से अधिक मसाला फसलों का उत्पादन होता है, लेकिन यहां मंडी टैक्स ज्यादा है. इसलिए 75 फीसदी कारोबार अन्य राज्यों में पहुंच जाता है. इसी वजह से राजस्थान को राजस्व की हानि भी हो रही है.
अध्यक्ष श्याम जाजू ने राजस्थान गुजरात और मध्य प्रदेश के 18 जिलों में कराए गए सैटेलाइट सर्वे के संबंध में भी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि संस्था ने इन राज्यों में किसानों के खेतों का सर्वे कराया है. इस तकनीक के माध्यम से यह फायदा होगा कि मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारियों, कंपनियों व किसानों को यह अनुमान लग सकेगा कि कितना प्रोडक्शन होगा और डिमांड के अनुरूप कितना और बढ़ाना चाहिए. साथ ही सैटेलाइट सर्वे से किसानों को फसल के स्वास्थ्य की रिपोर्ट के साथ ही पौधों में रोग का कारण और उसका निवारण भी मिल सकेगा.
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जैविक उत्पादों की विदेश में भारी डिमांड :संस्था के किसानों का कहना है कि भारत से मसाले काफी मात्रा में एक्सपोर्ट होते हैं, लेकिन इनमें भी सबसे ज्यादा दाम जैविक उत्पादन के मिलते हैं. साथ ही मसाले की नई किस्म और नई वैरायटी भी अच्छे दाम और उत्पादन करती है. ऐसे में किसान इसमें भी काफी सुधार करेंगे तो उन्हें फायदा होगा. पेस्टीसाइड व उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से कैंसर, ह्र्दय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि के रोग बढ़ रहे हैं. जबकि विदेशी लोग ओर्गेनिक चीजें महंगे दामों पर भी खरीद लेते हैं, लेकिन भारत में इसके लिए जागरूकता का अभाव है. कार्यक्रम में देश-विदेश से कोटा पहुंचे कई व्यापारी, उद्यमी, कृषि विशेषज्ञ व किसान मौजूद रहें.