लातेहारः जिले की ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल है. सबसे खराब स्थिति तो लातेहार-केरू वाया बिशुनपुर, कोने-नरेशगढ़, लातेहार-मोंगर-निन्दिर आदि सड़क की है. इन सड़कों पर चलना यानी खतरों से खेलने के बराबर है.
लातेहार की दर्जनों ग्रामीण सड़कें जर्जर
दरअसल, लातेहार जिले में दर्जनों ऐसी ग्रामीण सड़क हैं जो काफी जर्जर हो गई हैं. हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए योजना स्वीकृत करते हुए टेंडर भी निकाल दी गई है , लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग के संवेदक इतने लापरवाह हैं कि टेंडर लेने के बाद भी सड़क निर्माण का कार्य अधूरा छोड़ दिए हैं. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो संवेदकों के द्वारा टेंडर लेने के बाद सिर्फ नाम के लिए काम लगाया गया और गड्ढा खोद कर काम को बंद कर दिया गया.
लातेहार-बिशुनपुर सड़क पर चलना भी मुश्किल
लातेहार- बिशुनपुर सड़क पर की तो स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है. इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण प्रमोद यादव, बसंती देवी, संजय कुमार आदि ने बताया कि सड़क निर्माण नहीं होने से उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दो साल से कोन-नरेशगढ़ सड़क का कार्य बंद
लातेहार जिले की कोन-नरेशगढ़ सड़क की स्थिति भी काफी बदतर हो गई है. ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा टेंडर निकालने के बाद 2 साल पहले संवेदक ने कार्य आरंभ किया था, लेकिन कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसी ही स्थिति सिकनी -बनहरदी सड़क की भी है. यहां भी पिछले दो वर्षों से संवेदक के द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है.