नई दिल्लीः दिल्ली के छतरपुर के रिज एरिया असोला घाटी में 1100 पेड़ों को बिना अनुमति के काटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद अब दिल्ली के तीन मंत्रियों की बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने दिल्ली के पर्यावरण एवं वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अफसर से जवाब तलब करने को फिर से एक और नोटिस भेजा है. कमेटी ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले पर फेक्चुअल रिपोर्ट मांगी है.
दिल्ली के शहरी विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री और कमेटी के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर असोला भाटी में 1100 पेड़ों को काटा गया है. यह पूरा मामला दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के संज्ञान में था. बावजूद इसके उन्होंने इसकी जानकारी अपने विभागीय मंत्री तक को देना जरूरी नहीं समझा. यह पूरा मामला बिना अनुमति के रिज एरिया में पेड़ काटने के साथ-साथ देश की शीर्ष अदालत की अवमानना का भी है.
भारद्वाज ने पूरे मामले का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस मामले में संबंधित विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी फॉरेस्ट से जानकारी मांगी गई थी. इस मामले पर दिल्ली सरकार के तीन मंत्रियों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की गई. जिससे पूरे मामले की वास्तविकता का पता लगाया जा सके. लेकिन अधिकारी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.