GST Scam : कागजों में चल रही थी फर्में, 5 माह में भरतपुर जोन में 87 फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद्द - Action Against Bogus Firms
वाणिज्यिक कर विभाग ने बोगस फर्मों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने इस वित्त वर्ष में पांच माह में 87 बोगस फर्मों का पंजीयन रद्द किया है. ये बोगस फर्में सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रही थी.
वाणिज्यिक कर विभाग, भरतपुर (Photo ETV Bharat Bharatpur)
भरतपुर:वाणिज्यिक कर विभाग के भरतपुर जोन के अलग अलग जिलों में बीते लंबे समय से बड़ी संख्या में बोगस फर्म संचालित हो रही थी.वाणिज्यिक कर विभाग ने भांडाफोड़ कर पूरे भरतपुर जोन में एक के बाद एक 87 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की है. ये सभी फर्म सिर्फ कागजों में संचालित हो रही थीं और कागजों में ही ये व्यापार कर रही थी. भौतिक रूप से इनका कोई अस्तित्व नहीं मिला. इनसे विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व हानि हुई है. अब विभाग ने इन फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है.
वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त महेश चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से अप्रैल 2024 से लगातार बोगस फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत भरतपुर जोन ( भरतपुर, डीग, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली, गंगापुर सिटी) में 5 माह में 87 फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
ऐसे लगाते हैं विभाग को चूना: अतिरिक्त आयुक्त चौधरी ने बताया कि कुछ लोग फर्जीवाड़ा करके फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और दस्तावेजों के माध्यम से बोगस फॉर्म तैयार कर लेते हैं और विभाग से जीएसटी नंबर ले लेते हैं. इस फर्जी फर्म के माध्यम से शातिर लोग सिर्फ कागजों में ही माल की खरीद फरोख्त करते हैं, जबकि हकीकत में कोई व्यापार नहीं करते. इससे ये फर्म इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जीवाड़ा कर टैक्स चोरी कर सरकार को मोटी चपत लगाते हैं.
जोन में इस वर्ष कब कितनी कार्रवाई:
माह
बोगस फर्मों की संख्या
अप्रैल
14
मई
17
जून
25
जुलाई
20
अगस्त
11
कुल बोगस फर्म
87
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई:अतिरिक्त आयुक्त महेश चौधरी ने बताया कि भरतपुर जोन में आगे भी बोगस फर्मों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाएगी. वर्ष 2023 में भी मेवात क्षेत्र में ऐसी कुछ फर्मों के खिलाफ रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की गई थी. ये फर्म बिहार में मजदूरी करने वाले व्यक्ति और स्कूल बस कंडक्टर के नाम पर सिर्फ कागजों में संचालित होती पाई गई थीं. ये बोगस फर्म वाणिज्यिक कर विभाग को जीएसटी की चपत लगाती हैं.