लखनऊ: उत्तर प्रदेश सचिवालय और कुछ चुनिंदा विभागों को छोड़कर बायोमैट्रिक अटेंडेंस का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अनेक रिमाइंडर के बावजूद महकमे इसको लागू नहीं कर रहे. जिसके चलते लाखों कर्मचारी और हजारों अधिकारी मनमानी एटेंडेंस लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के 20 लाख के करीब कर्मचारियों में से मात्र 50 हजार ही बायोमैट्रिक एटेंडेंस सिस्टम से जुड़े हैं.
इसको देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अब सभी विभागों को लिखकर दे दिया गया है कि ई-ऑफिस की व्यवस्था को 5 सितंबर से हर हाल में लागू कर दिया जाए. कई विभागों को मुख्यमंत्री के सचिव एसपी गोयल की ओर से पत्र लिखा गया. इसके साथ ही कई जिलों का परफॉर्मेंस ई-ऑफिस में बहुत खराब है. जिस पर एसपी गोयल ने नाराजगी जाहिर की है.
उत्तर प्रदेश की नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की ओर से जून तक प्रदेश के सभी विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था. मगर लोक भवन, सचिवालय और चुनिंदा विभागों को छोड़कर कहीं भी बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू नहीं की गई.
लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पुलिस विभाग, नगर विकास विभाग ऐसे बड़े विभागों में भी इक्का-दुक्का एजेंसी को छोड़कर कहीं भी अंगूठे से उपस्थित नहीं हो रही है. जिसकी वजह से कर्मचारी और अधिकारी निर्धारित समय पर दफ्तर नहीं पहुंचते.
बता दें कि यूपी 15 मण्डलों द्वारा ई-ऑफिस को प्रारम्भ (Go Live) कर दिया गया है. सात मण्डलों प्रयागराज, बरेली, आजमगढ़, मिर्जापुर, अलीगढ़, कानपुर एवं मेरठ में बहुत कम संख्या में ई-फाइल create की गई हैं. चार मण्डलों जैसे गोरखपुर, बस्ती, लखनऊ एवं वाराणसी में ई-फाइल movement प्रारम्भ नहीं हुआ है. तीन मण्डलों अयोध्या, देवीपाटन एवं मुरादाबाद में अभी तक ई-ऑफिस प्रारम्भ नहीं हुआ है.
जिलाधिकारी कार्यालयों की क्या है स्थिति
- 75 जिलों में ई-ऑफिस को शुरू (Go Live) कर दिया गया है.
- 21 जनपदों में ई-फाइल movement की स्थिति सन्तोषजनक है.
- 48 जनपदों में बहुत कम संख्या में ई-फाइल movement की गई हैं.
- छह जनपदों यथा अमरोहा, औरैया, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, भदोही एवं संभल में ई-फाइल movement प्रारम्भ नहीं हुआ है.
- चार नगर निगमों जैसे अलीगढ़, लखनऊ, बरेली एवं सहारनपुर द्वारा ई-ऑफिस को प्रारम्भ (Go Live) कर दिया गया है.
- दो नगर निगमों जैसे अलीगढ़ एवं लखनऊ में ई-फाइल movement की स्थिति सन्तोषजनक है.
- नगर निगम बरेली में बहुत कम संख्या में ई-फाइल move की गई हैं.
- नगर निगम सहारनपुर में ई-फाइल creation एवं movement शुरू ही नहीं हुआ है.
- 13 नगर निगमों में अभी तक ई-ऑफिस प्रारम्भ (Go Live) नहीं हुआ है.
- शाहजहांपुर नगर निगम में अब तक एजेंसी भी नामित नहीं की गई है.
- दो विकास प्राधिकरणों जैसे वाराणसी और सहारनपुर द्वारा ई-ऑफिस को प्रारम्भ (Go Live) कर दिया गया है, पर प्राधिकरणों में बहुत कम संख्या में ई-फाइल move की गई हैं.
- बचे हुए 27 विकास प्राधिकरणों में अभी तक ई-ऑफिस प्रारम्भ (Go Live) नहीं हुआ है.
- दो विकास प्राधिकरणों जैसे जालौन एवं रामपुर में अब तक एजेंसी भी नामित नहीं की गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताई नाराजगी:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल ने बताया कि मण्डलों, जिलों, नगर निगमों, विकास प्राधिकरणों शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता के कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. स्थिति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से अप्रसन्नता व्यक्त की गई है. अपने स्तर से समीक्षा करते हुए पांच सितंबर तक समस्त मण्डलों/जनपदों/नगर निगमों/विकास प्राधिकरणों में अनिवार्य रूप से ई-ऑफिस को लागू (Go Live) करने के निर्देश दिए गए हैं.
बायोमैट्रिक हाजिरी को लेकर भी सख्त है योगी सरकार: बायोमैट्रिक हाजिरी को लेकर भी सीएम योगी आदित्यनाथ संजीदा है. काफी कार्यालयों में बायोमैट्रिक हाजिरी सिस्टम शुरू हो गया है. शिक्षा विभाग में भी इसे लागू करने के आदेश शासन की ओर से दे दिए गए थे. लेकिन, शिक्षकों और कर्मचारियों के विरोध के बाद शासन को अपने आदेश पर रोक लगानी पड़ी थी. हालांकि, यह रोक 2 महीने के लिए ही है. इसके बाद शिक्षा विभाग में बायोमैट्रिक हाजिरी सिस्टम लगाने के लिए योगी सरकार क्या कदम उठाती है यह तो समय ही बताएगा.
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