प्रयागराजः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को फूलपुर विधानसभा स्थित इफको मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 5,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र और विद्यार्थियों को स्मार्टफोन/टैबलेट वितरित किया. इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को ऋण वितरण सहायता राशि का चेक सौंपा और 407 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज सनातन धर्मियों का वैदिक काल से आस्था का केंद्र रहा है. यहां पर महर्षि भारद्वाज का सबसे प्राचीन गुरुकुल था. जो यहां की पहचान थी लेकिन 2017 के पहले तक यहां की पहचान माफिया बन गए थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि बेटियों से दुस्साहस करने वालों के हाथ-पैर अलग करवा देंगे.
दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले बुलडोजर क्या चलाएंगेःसमाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज पीडीए की बात करने वाले राजू पाल और उमेश पाल की हत्या करने वालों के साथ खड़े थे. तब उन्हें पीडीए की याद नहीं थी. तब यही लोग माफिया के सामने गिड़गिड़ाते थे. माफियाओं और दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले बुलडोजर क्या चलाएंगे. क्योंकि बुलडोजर चलाने के लिए कलेजे की जरूरत है और निष्ठा ईमानदारी होनी चाहिए. जो इनके बस की बात नहीं है. सीएम योगी ने कहा कि पीडीए के नाम पर गुमराह करने वाले लोगों ने ही यूपी के लोगों के लिए पहचान का संकट खड़ा किया था. चाचा भतीजे ने सरकारी नौकरियों में लूट मचा रखी थी. आयोग के अध्यक्ष पदों पर अपने लोगों को बैठा दिया था और नौकरी के नाम पर लूट का क्षेत्र बांट लिया था. चाचा भतीजा के बीच लूट के धन में बंटवारे कल लेकर विवाद हुआ तो चाचा को बाहर कर दिया गया था. लेकिन अब नौकरी देने में भ्रष्टाचार करने वालों की न सिर्फ संपत्ति की जांच कर उसको जब्त किया जाएगा. इसके साथ ही वहां पर गरीबों और अलग अलग वर्गों के लिए आवास भी बनाकर दिया जाएगा.
चाचा-भतीजे मिलकर सरकारी नौकरियों में करते थे लूट
सीएम योगी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यह वही टीपू (अखिलेश यादव का निकनेम) हैं, जो फिर से सुल्तान बनने का ख्वाब देख रहे हैं. इसी के लिए लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं. ये वही लोग हैं जो माफिया के सामने नाक रगड़कर आपके पास सामने पहचान का संकट खड़ा करते थे. यह लोग माफिया को गले का हार बनाकर पहचान का संकट खड़ा करने का काम करते थे. इन्हीं की सरकार में माफिया ने विधायक राजू पाल की हत्या की थी. राजू पाल गरीब परिवार से आते थे, क्या राजू पाल पीडीए का हिस्सा नहीं थे. इन्हीं माफिया ने उमेश पाल की हत्या की थी. लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार को अपनी कुर्सी की चिंता थी. वहीं, उमेश पाल की हत्या के बाद कहा कि हम अपराधियों को नहीं बख्शेंगे. जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हमने काम किया और माफियाओं पर शिकंजा कसा गया.