लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय क्षण बताया तो राम मंदिर के विरोध के लिए विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर जमकर प्रहार किया. अखिलेश के उठाए हर सवाल का सीएम योगी ने चुन-चुन कर जवाब दिया.
सीएम योगी ने अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा विवाद को लेकर भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, उसी तरह यहां सिर्फ तीन स्थलों की बात की गई थी. ये तीनों ईश्वर के अवतरण की धरती हैं. लेकिन एक जिद थी और उसमें राजनीतिक तड़के और वोट बैंक की प्रवृत्ति ने विवाद खड़ा कर दिया.
सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा तो महाभारत युद्ध तो होना ही था. यहां भी वोट बैंक के लिए हमारी संस्कृति और आस्था को रौंदने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया, जिसे अब देश स्वीकार नहीं करेगा.
सीएम योगी के करारे जवाब
- पिछली सरकारों ने अयोध्या नगरी को प्रतिबंधों और कर्फ्यू के दायरे में रखा. अयोध्या सुनियोजित तिरस्कार भी झेलती रही. अयोध्या के साथ अन्याय हुआ. कृष्ण ने केवल पांच ग्राम मांगे थे. उन्होंने कहा था कि दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम. दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को बंधक बनाने की कोशिश, उलटे हरि को बांधने चला जो था असाध्य उसे साधने चला... यही तो हुआ था अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ.
- अब जब लोगों ने अयोध्या का उत्सव देखा तो नंदी बाबा ने कहा कि हम क्यों इंतजार करें. विदेशी आक्रांताओं ने केवल धन दौलत ही नहीं लूटा, इस देश की आस्था को रौंदने का काम किया. आजादी के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें केवल वोट बैंक के लिए महिमामंडित किया.
- सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या का विवाद पूर्व की सरकारों के समय ही हल हो जाना चाहिए था. हम मानते हैं कि मंदिर का विवाद न्यायालय में था, लेकिन वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा सकता था. घाटों का पुनरोद्धार हो सकता था. वहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सकती थीं.
- हमारी आस्था थी और नीति भी साफ थी, नीयत भी स्पष्ट थी. इसलिए हम बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके अयोध्या भी गए, काशी गए तो नोएडा और बिजनौर भी गए. हम अयोध्या जाएंगे, क्योंकि यह हमारी आस्था का प्रश्न है. अयोध्या का भव्य दीपोत्सव हमारी सरकार का सौभाग्य है.
- नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने पूरे भाषण में सदी की सबसे बड़ी घटना के बारे में तो बोला ही नहीं. वो सिर्फ ध्यान भटकाते रहे. ये अपनी जबरन बातों को थोपने का प्रयास करते हैं.
- 2017 से पहले यूपी के सामने पहचान का संकट था. यहां का नौजवान बाहर नहीं जा सकता था. यूपी से बाहर निकलता था तो हेय दृष्टि से देखा जाता था. किराए पर कमरे की बात तो दूर होटल और धर्मशालाओं में कमरे भी नहीं मिलते थे. कौन जिम्मेदार था इस स्थिति के लिए?
- योगी बोले, अयोध्या में माता शबरी के नाम पर रसोईघर शुरू हो चुका है. माता शबरी के अनुयायी पीडीए के पार्ट हैं या नहीं. निषाद राज के नाम पर रैन बसेरे शुरू हुए हैं, निषादराज के अनुयायी पीडीए का हिस्सा हैं या नहीं. सपा का पीडीए यानी परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी है. इसमें और कोई है या नहीं, मगर चच्चू (शिवपाल यादव) नहीं हैं. अगर प्रभु राम को मानते, रामायण से सीखते या महाभारत से ही सीखते तो चच्चू का अपमान नहीं करते.
- सीएम बोले, एक समय अयोध्या की गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट थी, परिक्रमाएं प्रतिबंधित थीं. रामनामी गमछा ओढ़ने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाता था. लेकिन, आज हम आश्वस्त कर सकते हैं कि भव्य-नव्य दिव्य अयोध्या हर भारतवासी को आकर्षित करेगी. अयोध्या को दुनिया का बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का काम सरकार कर रही है. अब अयोध्या में कोई परिक्रमा पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता. अब वहां कर्फ्यू नहीं लगा सकता.
- सीएम योगी बोले, हमारे संसदीय कार्यमंत्री ने अयोध्या से संबंधित संकल्पों को सदन में रखा था, उसका भी कुछ सपाइयों ने विरोध किया था. पूरा देश जब आह्लादित है तब सदस्यों का ये भाव जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है. नेता प्रतिपक्ष को वोट की चिंता है. उन्हें प्रदेश के गौरव की नहीं वोट बैंक की चिंता है.
- योगी ने कहा, हम सौभाग्यशाली हैं जो अवधपुरी में प्रभु के भव्य मंदिर के साक्षी बने हैं। 16 दिन में 36 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है. मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट ने दर्शन किया. नेपाल के सांसद और फिजी और सूरीनाम के लोग वहां आ रहे हैं.
अयोध्या में गौरवान्वित हुई लोकआस्था:सीएम योगी ने कहा कि आज अयोध्या की पौराणिकता के साथ साथ भौतिक विकास की भव्य, दिव्य अयोध्या हम सबको दिख रही है. 31 हजार करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. इसमें धर्म पथ, श्रीरामपथ, भक्तिपथ, जन्मभूमि पथ का निर्माण हो चुका है. सिंगल लेन की सड़कें फोर लेन हो गई है. गुप्तार घाट, रामघाट, नया घाट, ये दिव्य स्थल बन चुके हैं. राम की पैड़ी में 2017 से पहले पानी सड़ता था. आज यह हरिद्वार की तरह निर्मल बन है. भरत कुंड, सूरज कुंड, ब्रह्म कुंड, मल्टीलेवल पार्किंग जैसे काम हो रहे हैं. नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है. हर राज्य के लिए स्टेट हाउस, हर पंथ के लिए अपनी धर्मशाला बनाने का कार्य हो रहा है. भारत का जनविश्वास और सुदृढ़ हुआ है. लोकआस्था गौरवान्वित हुई है.
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