स्पीड के दीवाने अब हो जाएं सावधान, नशा उतारने आ गया इंटरसेप्टर - flags off Interceptor vehicles - FLAGS OFF INTERCEPTOR VEHICLES
शहरों में क्राइम कंट्रोल और ट्रैफिक सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए इंटरसेप्टर वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है. रायपुर शहर में भी भीड़ का तेजी से दबाव बढ़ता जा रहा है. बढ़ते ट्रैफिक और क्राइम के चलते पुलिस का काम कई गुना बढ़ गया है. ट्रैफिक को काबू में रखने और क्राइम को कंट्रोल करने के लिए शहर में इंटरसेप्टर वाहन अपनी ड्यूटी पर उतर गए हैं.
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सीएम हाउस से 15 इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ड्यूटी पर रवाना किया. आधुनिक सुविधाओं से लैस ये इंटरसेप्टर वाहन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होंगे. इंटरसेप्टर वाहन क्राइम कंट्रोल करने में भी काम आएंगे. जिन 15 इंटरसेप्टर वाहनों को सीएम ने हरी झंडी दिखाई वो हाई क्वालिटी वाले कैमरों से लैस होंगे. सड़क पर जा रही तेज रफ्तार वाहन की स्पीड की चंद सेकेंड में माप लेंगे. तेज रफ्तार में वाहन चलाने वाले मालिकों को तुरंत मैसेज भेजने में भी ये सक्षम हैं.
15 जिलों में तैनात होंगे इंटरसेप्टर वाहन (ETV Bharat)
सीएम ने 15 इंटरसेप्टर वाहनों को दिखाई हरी झंडी: इंटरसेप्टर वाहनों में 360 डिग्री में रोटेट होने वाले कैमरे लगे होंगे. जो भी ओव्हर स्पीड वाहन होंगे उनकी की ये तत्काल फोटो खीच लेगा. शराब पीकर वाहन चलाने वालों का ये चालान काटेगा. इसके साथ ही गाड़ी में ब्रेथ एननालाइजर की सुविधा और सर्विलांस कैमरे से भी ये गाड़ी लैस होगी. गाड़ी में लगे हाई टेक्नोलॉजी के साउंड सिस्टम से लोगों को निर्देश भी देने में ये गाड़ी सक्षम है. इस गाड़ी में स्पीड रडार गन भी लगा होगा. साउंड मीटर और इसके पारदर्शी शीशे के भीतर लगे मशीन बाहर के हालत की भांपने में माहिर हैं.
''कई उन्नत सुविधाएं हैं इंटरसेप्टर वाहन में. इस गाड़ी में वाहन स्पीड चेकिंग मशीन, ब्रेथ एनालाइजर, 360 कैमरे, साउंड चेक मशीन आदि सुविधाओं से लैस है. आज से 15 जिलों में 15 इंटरसेप्टर भेजे जा रहे हैं. जल्द ही अन्य जिलों में वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. घूमने वाली कुर्सियां वाहन में भी लगाए गए हैं ताकि वाहन के पीछे लगे उपकरणों को नियंत्रित किया जा सके. एक वाहन में चार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. चालान के दौरान कई बार लोगों से विवाद के मामले भी सामने आते हैं. वाहन में 360 डिग्री घूमने वाला कैमरा लगाया गया है. सभी पुलिस कर्मियों को वाहन में स्थापित अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुविधाओं का उपयोग करने में कोई समस्या न हो, एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है जिसके माध्यम से उत्पन्न होने वाली किसी भी तकनीकी समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाएगा''.- संजय शर्मा, ट्रैफिक एआईजी (अतिरिक्त महानिरीक्षक)
15 जिलों में तैनात होंगे इंटरसेप्टर वाहन: सीएम ने जिन 15 इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाई उन वाहनों को 15 जिलों में तैनात किया जाएगा. इन गाड़ियों को उन जगहों पर तैनात किया जाएगा जो नेशनल हाईवे वाले इलाकों से जुड़ता है. सरकार की कोशिश है कि सड़क हादसों में कमी लाए और क्राइम कंट्रोल भी किया जाए. नेशनल हाईवे पर लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाएं पुलिस के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है.
क्राइम रेट बढ़ने पर पुलिस की हो रही किरकिरी: राजधानी रायपुर से लेकर जगदलपुर तक क्राइम रेट बढ़ने से पुलिस की लगातार किरकिरी हो रही है. मारपीट और लूटपाट की घटनाएं होने से आम लोगों के मन भी डर का माहौल है. अपराधी बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद आसानी से फरार हो जा रहे हैं. पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग रहा है. बढ़ते अपराध को लेकर आम लोगों में भी गुस्सा बढ़ने लगा है जो लाजमी है.
बढ़ते अपराध पर विपक्ष है सरकार पर हमलावर: बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं. बलौदाबाजार घटना के बाद से विपक्ष लगातार सरकार को कोस रही है. जगदलपुर में डबल मर्डर की घटना को भी विपक्ष ने भुनाने की कोशिश की. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि वो मॉनसून सत्र में बढ़ते अपराध सहित कई मुद्दों पर विधानसभा का घेराव करेंगे. बैज ने यहां तक कह दिया कि प्रदेश के गृहमंत्री को कोई अनुभव नहीं है.
क्या है इंटरसेप्टर वाहन ?
इंटरसेप्टर वाहन एक हाई टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ी है.
ट्रैफिक पुलिस इंटरसेप्टर वाहन का इस्तेमाल करती है.
कैमरा और जीपीएस से लैस होती है इंटरसेप्टर गाड़ी.
इंटरसेप्टर में 360 डिग्री में घूमने वाला कैमरा होता है.
वाहनों की गति को नियंत्रित करने का काम करती है.
तेज रफ्तार वाहनों की गति माप लेती है इंटरसेप्टर.
इंटरसेप्टर में लगे कैमरे नंबर प्लेट की फोटो ले लती है.
चंद सेकेंड में गाड़ी के नंबर फ्लेट की प्रिंट निकाल देती है.
बिना गाड़ी को रोके उसका चालान काट देती है.
सड़क दुर्घटना को रोकने में कारगर साबित होती है.
दुर्घटना के वक्त मदद के लिए भी तैयार रहती है इंटरसेप्टर.
इंटरसेप्टर में ट्रैफिक विभाग का पूरा डेटा मौजूद रहता है.
डेटा की मदद से गाड़ी मालिक को संदेश भेजा जाता है.
बिना हेलमेट वालों को ट्रैक कर लेती ये गाड़ी.
सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों की फोटो खीच लेती है.
जुर्माने की प्रक्रिया को आसान बनाती है ये तकनीक.
बड़े शहरों में इंटरसेप्टर वाहनों की जरुरत बढ़ रही है.
कंट्रोल कमांड सेंटर से कनेक्ट होता है इंटरसेप्टर वाहन.
क्राइम कंट्रोल में इंटरसेप्टर वाहन से मदद मिलती है.