शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दो दिन के प्रवास के बाद वापस शिमला लौट रहे हैं. ऐसे में आज मुख्यमंत्री शिमला में ही होंगे. इस दौरान उनकी शिमला स्थित पीटर हॉफ होटल में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. यहां दोपहर करीब 12 बजे आयोजित होने वाली बैठक में हिमाचल के पावर प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा होगी. जिसमें मुख्य तौर पर शानन प्रोजेक्ट पर स्वामित्व, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में हिमाचल हिस्सेदारी सहित अन्य कई पावर प्रोजेक्टों पर बातचीत होगी.
शानन प्रोजेक्ट की लीज पूरी
हिमाचल प्रदेश में शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज पूरी हो गई है, लेकिन ये प्रोजेक्ट अभी भी पंजाब सरकार के पास है. ऐसे में लीज की अवधि पूरी होने पर हिमाचल इस प्रोजेक्ट को वापस लेने की मांग कर रहा है. बता दें कि 200 करोड़ की आय देने वाला ये प्रोजेक्ट मंडी जिले के जोगिंदर नगर में स्थापित है. ऐसे में प्रदेश की सुक्खू सरकार केंद्र से कई बार इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को दिए जाने की मांग कर चुकी है.
बीबीएमबी पर भी चर्चा
हिमाचल में भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) का मसला भी काफी चर्चा में रहा है. यहां तक कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. बीबीएमबी के पास हिमाचल का 4500 करोड़ की देनदारी बकाया है, लेकिन हिमाचल के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी इस राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. 27 सितंबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट हिमाचल के पक्ष में अपना फैसला सुना चुका है. बीबीएमबी विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की गई है. जो 27 सितंबर से 2011 से मिलनी शुरू हो गई है, लेकिन 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया है. ऐसे में सीएम सुक्खू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी इस मामले को उठा चुके हैं.
BBMB के 3 प्रोजेक्ट का एरियर पेंडिंग
बता दें कि बीबीएमबी के तीन प्रोजेक्ट हिमाचल की भूमि पर बने हैं. इनमें भाखड़ा डैम पावर प्रोजेक्ट, डैहर पावर प्रोजेक्ट व पौंग डैम पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं. वर्ष 2011 से हिमाचल को इन तीन परियोजनाओं की बिजली में बढ़ा हुआ हिस्सा मिलना शुरू हो गया है, परंतु भाखड़ा परियोजना में 1966 से, डैहर प्रोजेक्ट में 1977 से व पौंग बांध परियोजना में 1978 से एरियर बकाया है. ये रकम 4500 करोड़ रुपए से ज्यादा है.