शिमला:हिमाचल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की दिशा में सरकार एक और पहल करने जा रही है. ग्रामीणों को घर द्वार पर रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के लिए अब सरकार दूध का मूल्य बढ़ाने के बाद देसी गाय और भैंस की खरीद पर अधिक वित्तीय सहायता देने पर विचार कर रही है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा सरकार राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. इसके लिए भैंस और गाय के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाकर 55 और 45 रुपये किया गया है.
पशुपालन और प्राकृतिक खेती दोनों ही एक दूसरे की पूरक हैं इसलिए राज्य सरकार प्राकृतिक खेती क्लस्टरों में देसी गायों और भैंसों की खरीद के लिए किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने पर भी विचार कर रही है.
ब्रांडिंग के दिए निर्देश
सीएम सुक्खू ने कहा प्राकृतिक खेती से तैयार किए उत्पादों के विशिष्ट ट्रेडमार्क के तहत ब्रांडिंग की जाए ताकि किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिल सकें. उन्होंने उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए व्यापक तंत्र विकसित करने और राज्य में मिट्टी की जांच के लिए विशेष लैब स्थापित करने के भी निर्देश दिए.
सीएम ने प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने किसानों से रसायन मुक्त खेती की पद्धति अपनाने का आग्रह किया. सीएम ने अधिकारियों को कृषि विभाग में युक्तिकरण के निर्देश देते हुए कहा स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए विभाग में खाली पदों को तुरंत भरा जाए. उन्होंने कहा प्रदेश में 70 फीसदी आबादी खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई है और सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था राज्य सरकार का प्राथमिक क्षेत्र है और इसको प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 के बजट में विशेष पहल की गई है.
किसानों को मिले अधिक लाभ, इसके लिए काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा भविष्य में कृषि विभाग और जल शक्ति विभाग, जाइका व शिवा परियोजनाओं के सहयोग से एकीकृत सिंचाई योजनाओं को क्रियान्वित करेगा ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिले और इन योजनाओं को व्यावहारिक बनाया जा सके.
जाइका के तहत गेहूं और मक्का के भंडारण के लिए साइलो स्थापित किए जाएंगे. हिमाचल की जलवायु डेयरी क्षेत्र के लिए सबसे अनुकूल है और इसका लाभ उठाकर किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की जा सकती है, जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी. सीएम ने प्राकृतिक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिए. उन्होंने जाइका और मिल्कफेड के कामकाज की भी समीक्षा की और कार्य में डिजिटल पद्धति अपनाने की बात कही.
ये भी पढ़ें:मोदी सरकार से हिमाचल को मिलेंगे ₹300 करोड़, दशकों से लटकी यह सिंचाई परियोजना अब होगी पूरी