रामपुर बुशहर:हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के दत्तनगर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया है. ये दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र नई दुग्ध क्रांति में अहम भूमिका निभाएगा. दत्तनगर में पहले से 20 हजार लीटर क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र और 5 मीट्रिक टन प्रतिदिन की क्षमता का एक पाउडर प्लांट 2012 से काम कर रहा है. इस नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के बनने से दत्तनगर में कुल 70 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता हो गई है. यह संयंत्र दूध, घी, मक्खन, पनीर, लस्सी और फ्लेवर्ड मिल्क का उत्पादन करेगा.
हिमाचल प्रदेश दुग्ध उत्पादक प्रसंघ चार जिलों यानि शिमला, कुल्लू, मण्डी और किन्नौर से दूध एकत्र कर रहा है. जिला शिमला, कुल्लू, मण्डी और किन्नौर में 2012 के दौरान दुग्ध संग्रह मात्र 25 हजार से 26 हजार प्रतिदिन था. ये आज बढ़कर 1 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है. 95 प्रतिशत दूध कुल्लू क्षेत्र से एकत्रित किया जा रहा है. प्रसंघ किन्नौर के चांगो तक दूर-दराज के इलाकों से यहां दूध एकत्र कर रहा है.
11 जिलों में चल रही गतिविधियां
दुग्ध प्रसंघ ने राज्य को तीन इकाइयों कांगड़ा, मंडी और शिमला में विभाजित किया है. कांगड़ा इकाई के संचालन का क्षेत्र चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर और ऊना जिला में है, जबकि मंडी इकाई के संचालन का क्षेत्र बिलासपुर, कुल्लू और मंडी जिला में है. इसी प्रकार, शिमला इकाई के संचालन का क्षेत्र शिमला, सिरमौर, सोलन और कुल्लू जिला में है. हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ डेयरी विकास कार्यक्रम के लिए प्रदेश के 11 जिलों (लाहौल स्पीति जिला को छोड़कर) में अपनी गतिविधियां चला रहा है. वर्तमान में हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ के अंतर्गत 11 दुग्ध विधायन संयंत्र कार्यरत हैं, जिनकी कुल क्षमता 1,30,000 लीटर प्रति दिन है.
5.96 करोड़ का शुद्ध लाभ किया अर्जित
प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश दुग्ध उत्पादक प्रसंघ डॉ. विकास सूद ने बताया कि, 'दूध की खरीद को बढ़ाने के लिए प्रसंघ ने गुजरात आनन्द मॉडल को अपनाया है. ये अधिक से अधिक ग्राम डेयरी सहकारी समितियों के गठन को प्रोत्साहित करता है.प्रसंघ ने रामपुर क्षेत्र में 271 दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया है, जिसमें 241 वीडीसी कार्यात्मक हैं और 161 पंजीकृत है. हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ दूध खरीद पर 45 रुपये प्रति लीटर का भुगतान कर रहा है. दूध की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर यानि 1.40 लाख लीटर से 2 लाख लीटर प्रतिदिन पर पहुंच गई है. वर्ष 2023-24 में प्रसंघ का कुल टर्नओवर 191.69 करोड़ रुपये हो गया है और वित्तीय वर्ष 2023-24 दुग्ध प्रसंघ ने 5.96 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है. दुग्ध प्रसंघ महिला और बाल विकास कल्याण विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों को फोर्टीफाइड पंजीरी, फोर्टीफाइड बेकरी बिस्किट, फोर्टीफाइड गेहूं सेवियां और मिल्क पाउडर दे रहा है. दूध की खरीद में वृद्धि के लिए पशु पालकों को 5 लीटर क्षमता के स्टील की बाल्टी और कैन्स प्रदान किए गए हैं. डगशाई, पालमपुर, धर्मशाला, चंडी मंदिर, डलहौजी, कंदौरी, शिमला और सोलन में सेना की इकाइयों को प्रसंघ दूध की आपूर्ति कर रहा है.'
दुग्ध उत्पादकों ने की सराहना
ननखड़ी तहसील के धर्मपाल कायथ ने बताया कि दत्तनगर में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र से पशुपालकों को लाभ होगा. रामपुर के मनमोहन सिंह ने बताया कि वो अपने क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों से रोज दत्तनगर दुग्ध संयंत्र में 800 लीटर दूध लेकर आते हैं, जिसकी संयंत्र में पूरी जांच की जाती है और दूध में फैट के हिसाब से अदायगी की जाती, जिससे पशुपालक संतुष्ट हैं.