सिरमौर: हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग के दो विंग जीएसटी और आबकारी में पुनर्गठित करने के बाद, दक्षिण जोन परवाणू ने 46,61,25,683 रुपए की कर चोरी का खुलासा किया है. इसमें दक्षिण जोन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 12 क्रशरों को कुल 3,45,76,155 रुपए की राशि के नोटिस जारी किए गए हैं. इसमें स्टोन क्रशर ने केवल नोटिस जारी करने के साथ ही 57,17,236 रुपए की राशि जमा करवा दी है, जबकि अंतिम आदेश अभी भी प्रक्रियाधीन है. स्टोन क्रशर के अलावा स्टील, स्क्रैप, लेड/बैटरी के करदाता भी उपरोक्त मामलों में शामिल हैं.
90 दिनों में राशि जमा करने के निर्देश
जानकारी के अनुसार पिछले 5 सालों के दौरान कर गैर अनुपालन के एक ही बिंदु पर दो दर्जन से अधिक स्टोन क्रशर जांच के दायरे में चल रहे हैं. सभी स्टोन क्रशर दक्षिण क्षेत्र के प्रवर्तन विंग द्वारा शुरू की गई कानूनी प्रक्रिया के अनुसार बिना किसी आपत्ति के नोटिस का अनुपालन कर रहे हैं. 6 मामलों में 15,01,05,663 रुपए की राशि से संबंधित अंतिम आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें 90 दिनों के अंदर संबंधित राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं.
जीएसटी, प्रवर्तन, करदाता सेवाएं और संबद्ध कर परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया, "कॉमन पोर्टल पर मामलों को रोकने के बाद जीएसटी के तहत 38,93,39,905 रुपए के नोटिस जारी किए गए हैं. जीएसटी के तहत एक दर्जन करदाताओं से संबंधित 600 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की जांच जारी है. इसके लिए विभिन्न चरणों में अंतरराज्यीय जांच भी चल रही है."
स्टोन क्रशर मालिकों पर कार्रवाई
जीएसटी, प्रवर्तन, करदाता सेवाएं और संबद्ध कर के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर की निगरानी में दक्षिण क्षेत्र परवाणू के प्रवर्तन विंग के अधिकारी उप आयुक्त-ईएनएफ भूप राम, एसी-ईएनएफ तुलसी राम राणा, हंसराज, एएसटीईओ मानवेंद्र, दिग्विजय इस कार्रवाई में शामिल किए गए हैं. विभाग के अनुसार एसटीईओ ध्यान सिंह ने विशेष रूप से स्टोन क्रशर इकाइयों पर काम किया, जिसमें स्टोन क्रशर मालिक अंतिम आदेशों की प्रतीक्षा किए बिना पिछले 5 सालों से गैर अनुपालन पर अपने देय कर को जमा करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
स्टोन क्रशर और ईंट भट्ठा इकाइयों की जांच
जीएसटी, प्रवर्तन, करदाता सेवाएं और संबद्ध कर परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि दरअसल खनन से संबंधित डेटा योग्य आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी आईएएस युनूस खान से मांगा गया था, जो उद्योग निदेशालय का कार्यभार भी संभाल रहे हैं. आईईएस अधिकारी ने संबंधित डाटा विभाग को उपलब्ध करवाया. इसके आधार पर स्टोन क्रशर खनन पर रॉयल्टी शुल्क और जीएसटी के अधीन अन्य ऐसे शुल्कों का सही हिसाब प्रस्तुत किया. विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में जीएसटी भुगतान के गैर अनुपालन के लिए 100 प्रतिशत स्टोन क्रशर और ईंट भट्ठा इकाइयों की जांच की जाएगी. संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने कहा कि इस संदर्भ में अभी कार्रवाई जारी है.