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विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल होंगे मर्ज, सीएम सुक्खू ने विलय की संभावनाएं तलाशने के दिए निर्देश - Himachal School Merge

CM Sukhu Meeting With Education Department: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कम छात्र वाले स्कूलों को विलय करने के लिए संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए.

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सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ की बैठक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 9:40 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 10:30 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे सरकारी स्कूल है, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच तक ही है. ऐसे में सरकार कम संख्या वाले स्कूलों को अन्य स्कूलों में विलय करने की योजना बना रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि कम संख्या वाले स्कूलों को विलय किया जाए, ताकि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके. क्योंकि कई स्कूलों में अध्यापक की कमी है. ऐसे में कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज कर एक गुणवत्ता प्रदान की जाएगी.

सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस दौरान सीएम ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में सरकारी शिक्षण संस्थानों में जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख 30 हजार 466 थी. वहीं, वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 49 हजार 295 हो गई है. वर्तमान में प्रदेश में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है.

उन्होंने कहा कि 701 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है और इनमें से 287 विद्यालय दूसरे विद्यालय से दो किमी के दायरे में स्थित हैं. इसके अलावा 109 अतिरिक्त विद्यालयों में छात्रों की संख्या केवल पांच है. वहीं, अन्य 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल 5 है. इन हालातों के मद्देनजर स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है.

सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले विद्यालयों को विलय करने की संभावनाएं तलाश की जाए. विद्यालयों को विलय करने के कदम से पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दी जा सकेगी. राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है. इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने के साथ-साथ उनका समग्र विकास सुनिश्चित होगा.

सीएम सुखविंदर ने कहा जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर एवं स्पीति में दो पूर्ण सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे, ताकि इन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं प्रदान की जा सके. उन्होंने शिक्षा विभाग को संबंधित क्षेत्रों में इन बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए.

सुक्खू ने कहा कि स्कूलों में बेहतर संसाधन जुटाने के लिए सरकार ने क्लस्टर बनाए हैं और स्कूल प्रबंधन को विद्यार्थियों के लिए अपनी पसंद की स्मार्ट वर्दी चुनने का विकल्प दिया गया है. वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी संस्थानों में मानकों को बढ़ाने के लिए कई अभिनव पहल की हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम भी लागू किया है.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 10:30 PM IST

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