शिमला:हिमाचल प्रदेश में सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे सरकारी स्कूल है, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच तक ही है. ऐसे में सरकार कम संख्या वाले स्कूलों को अन्य स्कूलों में विलय करने की योजना बना रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि कम संख्या वाले स्कूलों को विलय किया जाए, ताकि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके. क्योंकि कई स्कूलों में अध्यापक की कमी है. ऐसे में कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज कर एक गुणवत्ता प्रदान की जाएगी.
सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस दौरान सीएम ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में सरकारी शिक्षण संस्थानों में जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख 30 हजार 466 थी. वहीं, वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 49 हजार 295 हो गई है. वर्तमान में प्रदेश में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है.
उन्होंने कहा कि 701 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है और इनमें से 287 विद्यालय दूसरे विद्यालय से दो किमी के दायरे में स्थित हैं. इसके अलावा 109 अतिरिक्त विद्यालयों में छात्रों की संख्या केवल पांच है. वहीं, अन्य 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल 5 है. इन हालातों के मद्देनजर स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है.