देहरादून:धामी सरकार प्रदेश में सूख रहे स्प्रिंग्स और नदियों को पुनर्जीवित करने पर जोर दे रही है. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों की आय को बढ़ाने का प्रयास भी कर रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जलागम प्रबंधन निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहले चरण में राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में काम किया जाए. इसके लिए गढ़वाल मंडल से एक नदी और कुमाऊं मंडल से एक नदी चिन्हित की जाए.
सीएम ने कहा कि हर साल वनाग्नि की घटनाओं से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में वनाग्नि के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटी-छोटी तलैया (तालाब) बनाई जाए. इसके लिए जनता का भी सहयोग लिया जाए. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग की ओर से विशेष ध्यान दिया जाए. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तमाम परियोजनाओं के निर्माण में इसका भी आकलन किया जाए कि इससे जल स्रोतों पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है. योजनाओं के निर्माण से प्रभावित होने वाले जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी कार्य किए जाएं.
केंद्र की योजनाओं को प्राथमिकता: जलागम की ओर से संचालित योजनाओं के तहत वाइब्रेंट विलेज को भी प्राथमिकता में रखा जाए. बाह्य सहायतित परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा किया जाए. केंद्र सरकार से सहायतित योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए. इसके साथ ही 90 फीसदी केंद्रांश और 10 फीसदी राज्यांश वाली योजनाओं में तेजी लाई जाए. स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) की ओर से प्राकृतिक जल स्रोतों और वर्षा आधारित नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए लघु एवं दीर्घकालिक उपचार की योजनाएं तैयार की जाए.
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर: सीएम ने निर्देश दिए कि जलागम विकास परियोजनाओं के प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए सतत जल संसाधन प्रबंधन, सतत भूमि एवं पारिस्थितिकी प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए. मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के साथ मिलकर बेहतर कदम उठाएं. पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि योग्य बंजर भूमि में औद्यानिकी और कृषि-वानिकी गतिविधियों के माध्यम से कृषकों की आय को बढ़ाने की दिशा में काम करें. जलागम की योजनाओं में महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए.