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उत्तराखंड में किया जाएगा नदियों को पुनर्जीवित, संवेदनशील वनाग्नि क्षेत्रों में बनाए जाएंगे तलैया - Water Resources Department Meeting

Water Resources Department Meeting सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जलागम प्रबंधन निदेशालय देहरादून में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग की ओर से विशेष ध्यान दिया जाए.

Water Resources Department Meeting
उत्तराखंड में किया जाएगा नदियों को पुनर्जीवित (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 8, 2024, 7:10 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 7:44 PM IST

जलागम प्रबंधन निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक (VIDEO-ETV Bharat)

देहरादून:धामी सरकार प्रदेश में सूख रहे स्प्रिंग्स और नदियों को पुनर्जीवित करने पर जोर दे रही है. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों की आय को बढ़ाने का प्रयास भी कर रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जलागम प्रबंधन निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहले चरण में राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में काम किया जाए. इसके लिए गढ़वाल मंडल से एक नदी और कुमाऊं मंडल से एक नदी चिन्हित की जाए.

सीएम ने कहा कि हर साल वनाग्नि की घटनाओं से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में वनाग्नि के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटी-छोटी तलैया (तालाब) बनाई जाए. इसके लिए जनता का भी सहयोग लिया जाए. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग की ओर से विशेष ध्यान दिया जाए. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तमाम परियोजनाओं के निर्माण में इसका भी आकलन किया जाए कि इससे जल स्रोतों पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है. योजनाओं के निर्माण से प्रभावित होने वाले जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी कार्य किए जाएं.

केंद्र की योजनाओं को प्राथमिकता: जलागम की ओर से संचालित योजनाओं के तहत वाइब्रेंट विलेज को भी प्राथमिकता में रखा जाए. बाह्य सहायतित परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा किया जाए. केंद्र सरकार से सहायतित योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए. इसके साथ ही 90 फीसदी केंद्रांश और 10 फीसदी राज्यांश वाली योजनाओं में तेजी लाई जाए. स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) की ओर से प्राकृतिक जल स्रोतों और वर्षा आधारित नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए लघु एवं दीर्घकालिक उपचार की योजनाएं तैयार की जाए.

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर: सीएम ने निर्देश दिए कि जलागम विकास परियोजनाओं के प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए सतत जल संसाधन प्रबंधन, सतत भूमि एवं पारिस्थितिकी प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए. मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के साथ मिलकर बेहतर कदम उठाएं. पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि योग्य बंजर भूमि में औद्यानिकी और कृषि-वानिकी गतिविधियों के माध्यम से कृषकों की आय को बढ़ाने की दिशा में काम करें. जलागम की योजनाओं में महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए.

1148 करोड़ की योजनाएं: जलागम विभागीय अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायक और ग्रीन हाउस गैस कम करने के लिए विश्व बैक की पोषित 'उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना' को स्वीकृति मिली है. करीब 1148 करोड़ रुपए की यह योजना 2024 से 2030 तक संचालित होगी. इस परियोजना के तहत स्प्रिंग शेड मैनेजमेंट के जरिए जल निकासी एवं मृदा क्षरण में कमी लाने, कृषि क्षेत्र में ग्रीन हाऊस गैस को कम करने, बारानी और परती भूमि पर वृक्षारोपण के जरिए कार्बन की मात्रा में सुधार कर कार्बन फेंसिंग से कृषकों की आय में वृद्धि करने, बारानी एवं सिंचित फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, उच्च मूल्य फसल उत्पादन के कृषि कलस्टरों की स्थापना और एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर की स्थापना की जाएगी.

वाइब्रेंट विलेज का विकास:बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के जो पुराने जल स्रोत हैं, जो सूख चुके हैं, उनको फिर से पुनर्जीवित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही राज्य के जो ग्रामीण क्षेत्र हैं और वाइब्रेंट विलेज हैं, इनको भी जलागम विभाग अपनी योजना में शामिल करते हुए उन गांव के विकास के लिए भी विशेष रूप से ध्यान देगा. साथ ही अधिकारियों को इस बाबत भी निर्देश दिए गए हैं कि जो नदियां सूख गई है उनको पुनर्जीवित करने के लिए टारगेट बेस्ड और समयबद्ध तरीके से काम हो. इसके अलावा राज्य में जो तमाम योजनाएं चल रही हैं, उसको प्रभावित ढंग से धरातल पर उतारा जाए .

वहीं, बैठक के बाद जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम शासन के उच्चाधिकारियों ने जलागम ऑफिस में बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य रूप से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर विचार किया गया. साथ ही स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों के आय को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा सारा प्रोजेक्ट जो कि करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रोजेक्ट है, इस पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई. सारा प्रोजेक्ट के तहत स्प्रिंग्स और नदियों को पुनर्जीवित किया जाना है.

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Last Updated : Aug 8, 2024, 7:44 PM IST

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