रांची: आदिवासी महोत्सव 2024 का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हो गया. दूसरे और अंतिम दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से इस महोत्सव की रौनक बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बिरसा स्मृति उद्यान में दिन भर चले इस कार्यक्रम के बाद शाम साढ़े सात बजे समापन सत्र शुरू हुआ, जिसमें सीएम हेमंत भी नगाड़ा बजाते नजर आए. उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मांदर बजाती दिखीं.
सीएम ने बजाया नगाड़ा और कल्पना ने लगाई थाप
बिरसा स्मृति उद्यान में आदिवासी महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन देर शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा. इस अवसर पर नंदलाल नायक और उनके विदेशी साथी द्वारा वन की ज्वाला वादन प्रस्तुत किया गया. नंदलाल नायक के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं नगाड़ा बजाया और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन ने मांदर बजाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2025 में झारखंड के कलाकारों के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष नीति बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कलाकार झारखंड की कला संस्कृति को सहेजने का काम कर रहे हैं. उनकी सरकार खेल और खिलाड़ियों के लिए बनी नीति की तरह आने वाले दिनों में यहां के कलाकारों के लिए भी बेहतर नीति और कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ाने का काम करेगी, ताकि झारखंड के कलाकार देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन कर सकें.
भौतिकवादी युग में आदिवासी पहचान चुनौतीपूर्ण
आदिवासी सभ्यता और संस्कृति पर विचार रखते हुए उन्होंने देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में आदिवासी समाज के योगदान की सराहना की. उन्होंने इस भौतिकवादी युग में आदिवासियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चाहे व्यापार जगत हो या न्यायपालिका का क्षेत्र, डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस आईपीएस का क्षेत्र हो, आदिवासी समाज के कुछ ही लोग इन विद्यार्थियों के बीच अपनी जगह बना पाए हैं.