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सीएम हेमंत सोरेन ने बजाया नगाड़ा, कल्पना ने लगाई मांदर की थाप, आदिवासी महोत्सव का हुआ समापन - Jharkhand Tribal Festival 2024 - JHARKHAND TRIBAL FESTIVAL 2024

Jharkhand Tribal Festival ceremony. झारखंड आदिवासी महोत्सव का समापन हो गया. समापन समारोह में सीएम हेमंत सोरेन भी नगाड़ा बजाते दिखे. वहीं उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मांदर बजाती दिखी.

Jharkhand Tribal Festival
सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने बजाए नगाड़ा और मांदर (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 11, 2024, 7:02 AM IST

रांची: आदिवासी महोत्सव 2024 का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हो गया. दूसरे और अंतिम दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से इस महोत्सव की रौनक बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बिरसा स्मृति उद्यान में दिन भर चले इस कार्यक्रम के बाद शाम साढ़े सात बजे समापन सत्र शुरू हुआ, जिसमें सीएम हेमंत भी नगाड़ा बजाते नजर आए. उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मांदर बजाती दिखीं.

सीएम हेमंत सोरेन ने बजाया नगाड़ा (ईटीवी भारत)

सीएम ने बजाया नगाड़ा और कल्पना ने लगाई थाप

बिरसा स्मृति उद्यान में आदिवासी महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन देर शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा. इस अवसर पर नंदलाल नायक और उनके विदेशी साथी द्वारा वन की ज्वाला वादन प्रस्तुत किया गया. नंदलाल नायक के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं नगाड़ा बजाया और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन ने मांदर बजाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2025 में झारखंड के कलाकारों के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष नीति बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कलाकार झारखंड की कला संस्कृति को सहेजने का काम कर रहे हैं. उनकी सरकार खेल और खिलाड़ियों के लिए बनी नीति की तरह आने वाले दिनों में यहां के कलाकारों के लिए भी बेहतर नीति और कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ाने का काम करेगी, ताकि झारखंड के कलाकार देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन कर सकें.

भौतिकवादी युग में आदिवासी पहचान चुनौतीपूर्ण

आदिवासी सभ्यता और संस्कृति पर विचार रखते हुए उन्होंने देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में आदिवासी समाज के योगदान की सराहना की. उन्होंने इस भौतिकवादी युग में आदिवासियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चाहे व्यापार जगत हो या न्यायपालिका का क्षेत्र, डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस आईपीएस का क्षेत्र हो, आदिवासी समाज के कुछ ही लोग इन विद्यार्थियों के बीच अपनी जगह बना पाए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे आदिवासी समाज के लोग आगे नहीं बढ़ रहे हैं, अब आदिवासी समाज के युवक-युवतियां और विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं. इसके बावजूद इस भौतिकवादी युग में अपनी पहचान बनाए रखना उनके लिए चुनौतीपूर्ण है.

समापन समारोह में मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों की उपस्थिति में लोक कलाकारों, संगीतकारों एवं नंदलाल नायक की प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके पूर्व निलोप्तल बोरा एवं उनके साथियों ने असमिया गीत की सशक्त प्रस्तुति दी. विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर विभिन्न आदिवासी खेलों विशेषकर तीरंदाजी, गिदी दौड़, गुलेल एवं सेकोर प्रतियोगिताओं में विजयी खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.

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