झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सीएम चंपई सोरेन को राह दिखाएगी पूर्व सीएम हेमंत की टीम, पहले से की गई तैयारी को पहनाया जा रहा है अमलीजामा

CM Champai Soren core team. सीएम चंपई सोरेन को पूर्व सीएम हेमंत की टीम राह दिखाएगी. हेमंत के कोर टीम में रहे आईएएस अधिकारी विनय चौबे को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया है. वहीं राजीव रंजन को महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है.

CM Champai Soren core team
CM Champai Soren core team

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 7:11 PM IST

रांची:झारखंड में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक अस्थिरता पर फिलहाल विराम लग गया है. चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री बन गये हैं. लेकिन उनके लिए जिस तरह का सपोर्ट सिस्टम खड़ा किया जा रहा है, उससे साफ है कि हेमंत सोरेन ने सारी फिल्डिंग पहले से ही तय कर रखी थी. इसकी झलक भी दिखने लगी है.

चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के चंद घंटों के भीतर 1999 बैच के आईएएस विनय कुमार चौबे को उनका प्रधान सचिव बना दिया गया. साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव रंजन को सरकार के महाधिवक्ता की जिम्मेदारी फिर से सौंप दी गई है. इससे साफ है कि हेमंत सोरेन बखूबी समझते हैं कि भरोसेमंद लोगों की टीम के बिना चंपई सोरेन को सरकार चला पाना आसान नहीं होगा. लिहाजा, चंपई सोरेन को प्रशासनिक मामलों से जुड़े मसलों पर फैसला लेने में प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे रास्ता दिखाएंगे तो कानूनी अड़चन आने पर महाधिवक्ता राजीव रंजन.

इन दो बड़े फैसलों के बाद तीसरा बड़ा फैसला सरकार बचाने से जुड़ा है. कैबिनेट की पहली बैठक में ही पूर्व प्रस्तावित बजट सत्र को विलोपित कर 5 और 6 फरवरी को विधानसभा सत्र के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है. ताकि इन दो दिनों के भीतर फ्लोर पर बहुमत साबित की जा सके. इसी वजह से शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद सत्ताधारी दल के विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया गया है. बेशक, इस शिफ्टिंग को विधायकों के लिए घूमना-फिरना बताया जा रहा है लेकिन इसके पीछे की वजह सिर्फ ऑपरेशन लोटस की संभावना से बचाना भर है.

हेमंत सोरेन के लिए तीसरी सबसे बड़ी चिंता 2 फरवरी को दुमका में आयोजित होने वाले पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर थी. उनके जेल जाने के बाद कार्यकर्ता पशोपेश में थे. क्योंकि गुरुजी की तबीयत ऐसी नहीं है कि वह कार्यक्रम में शामिल हो पाएं. लेकिन इस गैप को भी भर दिया गया है. अब सीएम चंपई सोरेन इस कार्यक्रम को लीड करेंगे. यह समझना मुश्किल नहीं है कि जब वह कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे तो किन-किन बातों पर जोर होगा. यही वजह है कि शपथ ग्रहण और कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम चंपई सोरेन सीधे संथाल चले गये. मुसीबत की इस घड़ी में हेमंत सोरेन ने गठबंधन की एकजुटता वाली प्लॉटिंग भी तैयार कर रखी थी. इसी का परिणाम है कि हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के रुप में खुद सीएम संथाल पहुंचे राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भी शामिल हुए. इससे साफ है कि बेशक, चंपई सोरेन सरकार के मुखिया हैं लेकिन रिमोट कंट्रोल हेमंत सोरेन के ही पास है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details