रांची: मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में राजस्व प्राप्ति और खर्च को लेकर अलग-अलग विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों के साथ हाई लेबल मीटिंग की. इस दौरान सभी विभागों की ओर से चालू वित्तीय वर्ष में खर्च की गई बजट की राशि का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया. साथ ही राजस्व बढ़ाने के लिए और क्या कुछ किया जा सकता है, इसकी जानकारी दी गई. घंटों चली मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से पूछा गया कि चालू वित्तीय वर्ष में विभागवार खर्च की स्थिति कैसी है. जवाब में उन्होंने कहा कि बजट राशि का सही तरीके से खर्च हो रहा है. इसमें और तेजी लाने के लिए कहा गया है.
मुख्यमंत्री से पूछा गया कि पूर्वर्ती हेमंत सरकार ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात की थी. इसके दायरे को बढ़ाने की भी मांग उठ रही है. इसपर उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार गंभीर है. लेकिन अभी पहली प्राथमिकता राजस्व बढ़ोतरी को लेकर है. उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर पर विशेष फोकस किया जा रहा है. अब देखना है कि आगामी बजट में चंपई सरकार किस सेक्टर पर फोकस करती है और राजस्व बढ़ाने के लिए किस तरह का प्लान लेकर आती है. बैठक में मुख्य सचिव एल ख्यांगते के अलावा सीएम के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, प्रशांत कुमार, अजय कुमार सिंह, राहुल पुरवार, सुनील कुमार, मनीष रंजन कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
आपको बता दें कि दिसंबर, 2023 में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,111.77 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित होने पर कहा था कि झारखंड ने अच्छे वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण पेश किया है. इसी वजह से जीएसडीपी की तुलना में 3 प्रतिशत तक ऋण लेने की क्षमता के बावजूद झारखंड ने सिर्फ 1.25 प्रतिशत ऋण लिया है. उन्होंने बताया था कि राज्य का इनकम बढ़ा है. उन्होंने कहा था कि झारखंड का 'पर कैपिटा लोन' 21,366 रुपए है जो राष्ट्रीय स्तर के अलावा कई राज्यों के कम है. उन्होंने वाणिज्य कर से 24 हजार करोड़ रुपए का टारगेट पूरा करने का भरोसा दिलाया था. उसी दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि माइनिंग से राजस्व वसूली पर जोर दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने बिजली सब्सिडी में बढ़ोतरी को लेकर ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. बिजली उपभोक्ताओं को अब 100 यूनिट की बजाय 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने के साथ सभी वंचित टोलों में बिजली पहुंचाई जाएगी. इस संबंध में ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का उन्होंने निर्देश दिया.
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि "आपकी योजना -आपकी सरकार -आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत 59 लाख 28 हजार से ज्यादा आवेदन मिले हैं जिनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा का निष्पादन किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
- अबुआ आवास योजना की स्थाई प्रतीक्षा सूची बने. इस योजना के तमाम विसंगतियों को तुरंत दूर करने का निर्देश. इसके साथ इस योजना के दुरुपयोग और गलत इस्तेमाल किए जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया जाए.
- सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश.
- सरकार द्वारा धान क्रय को लेकर किसानों को समय पर राशि का भुगतान सुनिश्चित करें.
- हरा राशन कार्डधारियों को हर महीने अनाज देने और पीडीएस डीलरों के कमीशन बढ़ाने की प्रक्रिया जल्द पूरी करें.
- जनजातीय भाषाओं के लिए शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी हो.
- 12वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने की पहल जल्द शुरू होनी चाहिए.
- यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के लिए 50 वर्ष की आयु सीमा पूरी करने वाली महिलाओं के चयन का अभियान शुरू करने का दिया निर्देश.
- अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों के भोजन इत्यादि की व्यवस्था और बहूमंजिला छात्रावास के निर्माण को लेकर भी दिया निर्देश.
- 325 प्रखंड स्तरीय स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस का विस्तार करें.
- नावाडीह, पोटका चाकुलिया और बंदगांव में बनेंगे नए कॉलेज.
- विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू हो.
- मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत सभी जिलों में पशु मेला लगाया जाय.
- एक लाख बिरसा सिंचाई कूप का निर्माण शीघ्र शुरू हो.
- दाखिल-खारिज का निष्पादन और लगान रसीद समय पर निर्गत हो.
5 वर्ष से पुराने सभी सड़कों की मरम्मत कराने का भी मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 15000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का मरम्मत किया जाना है. इसमें 9000 किलोमीटर सड़क की मरम्मति की स्वीकृति दी जा चुकी है.